दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण से जुड़े नियमों की अवहेलना करने पर 14 दिल्ली मेट्रो साइट्स और 42 बड़े प्रोजेक्ट्स पर पेनल्टी लगाई है. सभी को 50,000 रुपये का भुगतान करना पड़ा.
जिन मेट्रो साइट्स पर पैनल्टी लगाई है, उनमें लगभग सभी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(डीएमआरसी) के तीसरे फेज के एक्सपेंशन का हिस्सा हैं और खासतौर पर मुकुंदपुर से शिवपुर के बीच जाने वाली पिंक लेन के लिए बन रहे स्टेशन हैं.
इनमें साउथ एक्स, आईएनए, सरोजिनी नगर, भीकाजी कामा प्लेस, मोती बाग और साउथ कैंपस भी शामिल हैं. दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को लेकर आईआईटी कानपुर की एक रिपोर्ट में यहां की मिट्टी और धूल को PM 2.5 का इकलौता सबसे बड़ा कारण बताया गया है. PM2.5 ऐसे श्वसनीय कण होते हैं, जो सांस लेने की समस्या का सबसे बड़ा कारण होते हैं.
डीएमआरसी ने इस बात का हमेशा ख्याल रखती है कि शहर में निर्माणाधीन जगहों के आसपास हवा की गुणवत्ता सही बनी रहे और आगे भी स्थिति पर अपनी नजर बनाए रखेगी.
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली के 48 बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में से 42 पर इस हफ्ते चालान किया गया था. इसके अलावा पिछले हफ्ते 46 चालान किए गए. सभी प्रोजेक्ट 20,000 sq मीटर का इलाका कवर करते हैं.
सत्येंद्र जैन ने बुधवार को विभिन्न एजेंसियों के साथ रिव्यू मीटिंग की. इस मीटिंग में खुले में कचरा जलाने और कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन साइट्स पर धूल नियंत्रण उपायों का पालन करने पर चर्चा की गई.
सत्येंद्र जैन ने बताया कि राजस्व विभाग ने पिछले डेढ़ महीने में धूल प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने पर 373 चालान काटे, जिनसे करीब 41 लाख रुपये जमा हुए हैं. खुले में कचरा जलाने पर 61 चालान काटे गए, जिनसे 95,000 हजार रुपये कोष में आए हैं.
साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कोर्पोरेशन (एसडीएमसी) ने नियमों का उल्लंघन करने पर 621 चालान काटे हैं और उससे 25 लाख रुपये की राशि आई है. सत्येंद्र जैन ने कहा कि सभी उल्लंघनकर्चां ने फाइन नहीं भरा था.