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India-China commander level talks: 13 घंटे चली भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक

तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में पिछले 20 महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को हल करने की कोशिश में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि बाचतीच का मुख्य फोकस हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र को हल करने पर रहा.

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चीन के साथ लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद. -फाइल फोटो
चीन के साथ लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 13 बैठक हो चुकी है
  • तनाव वाले इलाके से सेना को पीछे हटाने पर चर्चा

भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 14वां दौर बुधवार को करीब 13 घंटे तक चला. चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर चल रही बातचीत देर रात करीब 10:30 बजे खत्म हुई. भारत का प्रतिनिधित्व 14वीं कोर के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया. सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मौजूदा दौर की बातचीत में समस्या का समाधान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हम मौजूदा गतिरोध से पहले के अन्य मुद्दों पर गौर करेंगे. 

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उन्होंने कहा कि लद्दाख में बड़ी ताकतों का जमा होना वर्तमान स्थिति का मूल कारण है. अब जब वे वहां हैं और बुनियादी ढांचा बनाया गया है, तो यह देखा जाना बाकी है कि क्या वे स्थायी रूप से वहां तैनात रहेंगे या वे यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए सहमत होंगे. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ कुछ बिंदुओं पर सकारात्म बातें हुई हैं. 

उन्होंने कहा कि हमने पीएलए के साथ बातचीत के साथ-साथ उत्तरी सीमाओं पर ऑपरेशनल तैयारियों को लेकर मुस्तैद हैं. हम अपने दावों के साथ पीएलए के साथ शांतिपूर्ण तरीके से निपटना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग गतिरोध को हल करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बातचीत करने में जुटे हुए हैं. अब तक 13 दौर की बातचीत हो चुकी है. 

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तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में पिछले 20 महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को हल करने की कोशिश में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि बाचतीच का मुख्य फोकस हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र को हल करने पर रहा. 

भारतीय सेना देपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित सभी गतिरोध वाले मुद्दों को हल करने पर जोर देगी. बता दें कि 13वें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर को हुई थी. दोनों पक्ष बातचीत के बाद भारतीय सेना के साथ बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई थी. 

पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल बनाने के लिए भारत द्वारा चीन पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद ताजा बातचीत हो रही है. पुल उस इलाके में है जो करीब 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है. पिछले हफ्ते, भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के चीन के नाम बदलने को हास्यापद कहा था. सेना की ओर से कहा गया था अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अंग रहा है और यह हमेशा रहेगा.

बता दें कि 18 नवंबर को दोनों देशों के राजनायिकों की बातचीत में भारत और चीन लद्दाख में जारी संघर्ष पर बातचीत के 14वें दौर के लिए राजी हुए थे. पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. दोनों देशों की सेनाओं ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी थी. 

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