हिंसा प्रभावित मणिपुर के 150 छात्रों को दिल्ली सरकार के स्कूलों में नामांकित किया गया है और उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करने के प्रयास किये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यहां छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए, केजरीवाल ने मणिपुर की स्थिति पर दुख व्यक्त किया.
केजरीवाल ने कहा कि देश में हर जगह लड़ाई और नफरत चल रही है. मणिपुर के बारे में सोचकर दुख होता है. आज, हमने एक छोटा सा प्रयास किया है. मणिपुर के 150 से अधिक बच्चों को बिना स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र के दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रवेश दिया गया है.
उन्होंने कहा, 'इन बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है और उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करने के प्रयास किए जा रहे हैं.' मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में नंबर एक बनने के लिए इसके नागरिकों को एक परिवार की तरह रहना होगा.
केजरीवाल ने देश में नकारात्मकता के माहौल के बीच सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, 'अगर हम आपस में लड़ेंगे तो भारत प्रगति नहीं करेगा. अगर हम मिलकर काम करेंगे तो कोई भी ताकत भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनने से नहीं रोक सकती.'
गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई से जारी जातीय हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की जान गई है.
दिल्ली में आई बाढ़ का जिक्र
सीएम ने दिल्ली में हाल में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र की मदद से दिल्ली सरकार और लोगों ने मिलकर इस प्राकृतिक आपदा का सामना किया. आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने मणिपुर में हुई घटनाओं पर दुख जताया.
उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के 150 छात्रों को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में प्रवेश दिया गया.
केजरीवाल ने देश के अन्य हिस्सों में बिजली कटौती का जिक्र करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक कटौती होने पर भारत 'विश्वगुरु' नहीं बन सकता.