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अब बुझेगी राजधानी की प्यास! हरियाणा से दिल्ली पहुंचा 16 हजार क्यूसेक पानी

राघव चड्ढा ने कहा कि हमने कोर्ट के माध्यम से नदी का स्तर जाना था और पूरी यमुना नदी का निरीक्षण किया. दिल्ली जल बोर्ड ने संघर्ष किया और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. हमने कोर्ट में अपील की कि हरियाणा सरकार दिल्ली वालों के हक का पानी दे. आखिरकार दिल्ली वालों का संघर्ष सफल हुआ.

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16000 cusecs of water reached delhi from Haryana
16000 cusecs of water reached delhi from Haryana
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरियाणा के हथिनी कुंड से छोड़ा गया था पानी
  • जल संकट को लेकर आप ने BJP को ठहराया था दोषी

दिल्ली में गहराए पानी के संकट के अब खत्म होने की उम्मीद है. हरियाणा से छोड़ा गया 16 हजार क्यूसेक पानी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गया. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने शुक्रवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया. उन्होंने हरियाणा से पानी आने के बाद की स्थिति का जायजा लिया. 

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सूख गई थी यमुना नदी
इस दौरान चड्ढा ने कहा कि कुछ ही दिन पहले जब हम यहां आए थे, तो सूखी हुई यमुना नदी दिखाई दे रही थी. यमुना नदी इतनी सूख गई थी कि यहां पर हॉकी और क्रिकेट जैसे खेल भी खेले जा सकते थे. नदी के पानी का स्तर भी कम हो गया था. दिल्ली वालों का गला भी सूखने लगा था. 

दिल्ली वालों का संघर्ष सफल हुआ
उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट के माध्यम से नदी का स्तर जाना था और पूरी यमुना नदी का निरीक्षण किया. दिल्ली जल बोर्ड ने संघर्ष किया और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. हमने कोर्ट में अपील की कि हरियाणा सरकार दिल्ली वालों के हक का पानी दे. आखिरकार दिल्ली वालों का संघर्ष सफल हुआ. इसके चलते हरियाणा सरकार ने आखिरकार दिल्ली के हक का पानी छोड़ दिया.  
  
साढ़े 7 फीट नीचे गिर गया था जल स्तर
राघव चड्ढा ने बताया कि यमुना नदी के माध्यम से 16 हजार क्यूसेक पानी को दिल्ली पहुंचने में 3 दिन लगे. दिल्ली में यमुना नदी का स्तर साढ़े सात फुट नीचे गिर गया था. वह अब फिर से ऊपर आ गया. पानी का स्तर 667 फीट पर था, वह वापस 674.5 फीट पर आ गया. दिल्ली जल बोर्ड अब फिर से अपनी अधिकतम क्षमता के हिसाब से जल शोधन करके लोगों के घरों तक पानी पहुंचा रहा है.

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दूसरे राज्यों पर निर्भर दिल्ली 
उन्होंने कहा कि दिल्ली पानी की आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है. दिल्ली ने कई दशक पहले पड़ोसी राज्यों के साथ संधियां साइन की हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी के जरिए, हरियाणा सरकार यमुना नदी के माध्यम से और पंजाब की सरकार भाखड़ा नागल से दिल्ली वालों को निर्धारित पानी देगी. 
 
हरियाणा सरकार पर लगाए आरोप
चड्ढा ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में तय किया था कि हरियाणा को इतना पानी रोजाना दिल्ली को देना है. उसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए हरियाणा सरकार 120 एमजीडी प्रतिदिन दिल्ली को नहीं दे रहा था. इससे पानी प्लांटों की क्षमता 40 से 50 फीसदी तक कम होती जा रही थी. दिल्ली में वजीराबाद पोंड पर यमुना नदी का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए, जबकि यह घटकर 667 फीट पर आ गया था. यानी नदी सूख गई थी. पानी कम मिलने की वजह से चंद्रवाल उपचार जल संयंत्र की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी, वजीराबाद प्लांट की 135 एमजीडी के घटकर 80 एमजीडी और ओखला प्लांट की 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई थी.' 

 

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