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1995 जम्मू धमाका मामले में SC ने हिजबुल आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनाई

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू में साल 1995 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी हिजबुल आतंकी गुलाम नबी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बुधवार को कोर्ट का यह फैसला ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर आया है. ट्रायल कोर्ट ने आतंकी को बरी कर दिया था.

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गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान सीरियल धमाकों का मामला
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान सीरियल धमाकों का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू में साल 1995 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी हिजबुल आतंकी गुलाम नबी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बुधवार को कोर्ट का यह फैसला ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर आया है. ट्रायल कोर्ट ने आतंकी को बरी कर दिया था.

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गौरतलब है कि 1995 में गणतंत्री दिवस समरोह के दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन ने सीरियल धमाकों को अंजाम दिया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में आतंकी गुलाम नबी को दोषी ठहराया था. शीर्ष अदालत ने उसे बरी करने के निचली अदालत के फैसले को पलट दिया. गुलाम नबी पाकिस्तानी नागरिक है.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने गुलाम नबी द्वारा सीबीआई के समक्ष दिए इकबालिया बयान के आधार पर अपना फैसला सुनाया है. पीठ ने कहा कि आरोपी का इकबालिया बयान एक महत्वपूर्ण साक्ष्य होता है और इसके आधार पर उसे दोषी ठहराया जा सकता है. नबी को टाडा के तहत दोषी ठहराया गया.

मामले में सीबीआई ने 76 साल गुलाम नबी के साथ ही तीन अन्य को उम्रकैद की सजा की मांग की थी. गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान हए तीन बम धमाकों में कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल केवी कृष्णराव समेत 18 लोग घायल हुए थे, जबकि 8 लोगों की मौत हो गई थी.

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