एंटी करप्शन ब्रांच ने दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ के घोटाले मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें राजेंद्रन नायर भी है. जो कि Aurrum E Payment का मालिक और डायरेक्टर था. दूसरा आरोपी गोपी कुमार केडिया है. वो Aurrum E Payment Company का सीएफओ था. इसके साथ तीसरे आरोपी का नाम डॉक्टर अभिलाष पिल्लई है. वो Fresh Pay It Solution का डायरेक्टर था और Aurrum E Payment Company में Authorised Signatory भी था.
क्या था पूरा मामला
दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच को मिली शिकायत के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड ने कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) को अपने उपभोक्ताओं के बिल कलेक्शन का जिम्मा दिया था. इसके लिए बैंक से साल 2012 में 3 साल के लिए अनुबंध किया गया. बाद में इसे साल 2016, फिर 2017 और 2019 तक के लिए बढ़ा दिया गया. उपभोक्ताओं के कैश और चेक के लिए जल बोर्ड के ही स्थानीय दफ्तरों में ई-क्योस्क मशीनें लगाई गईं ताकि उपभोक्ता अपने-अपने पानी के बिलों का भुगतान जमा करा सकें.
एसीबी सूत्रों के मुताबिक, कॉरपोरेशन बैंक ने कैश और चेक कलेक्शन की जिम्मेदारी M/s Freshpay IT Solution Pvt Ltd को सौंप दी. उसे इस पैसे को सीधा दिल्ली जल बोर्ड के एकाउंट में जमा कराना था लेकिन इस कंपनी ने ई-क्योस्क मशीन से चेक और कैश कलेक्ट कर फेडरल बैंक के खाते में जमा कराए. फेडरल बैंक के जिस खाते में M/s Freshpay IT Solution Pvt Ltd ने पैसा जमा कराया वह बैंक खाता M/s Aurrum E-Payment Pvt Ltd के नाम था.
इसके बाद फेडरल बैंक के जिस खाते में पैसा जमा कराया गया था, उस खाते से RTGS के जरिए अलग-अलग तारीखों में पैसा ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन पैसा जल बोर्ड के अकाउंट में ट्रांसफर न करके कहीं और किया गया. साल 2019 में इस फर्जीवाड़े की जानकारी दिल्ली जल बोर्ड को हुई थी. लेकिन जल बोर्ड ने अपना पैसा रिकवर करने के बजाए कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू किया. चेक और कैश कलेक्शन के लिए दी जाने वाली फीस 5 रुपये प्रति बिल की जगह बढ़ाकर 6 रुपये कर दी.