दिल्ली सरकार की नींद इन दिनों दिल्ली आजतक के उस खुलासे ने उड़ा रखी है, जिसमें वैसे दस हजार लोगों को पेंशन देने का खुलासा हुआ था जो लोग मर चुके हैं. अब सीएम शीला दीक्षित ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस मामले में गाइडलाइन बनाने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है. सरकार को डर है कि ये पूरा मामला कहीं आने वाले चुनावों में सरकार का सिरदर्द न बन जाए.
दिल्ली सरकार इन दिनों मुश्किल में है, वजह है बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन. दरअसल 10 हजार से भी ज्यादा पेंशन लेने वाले इस दुनिया में मौजूद ही नहीं हैं. बाकी लगभग एक लाख को सरकार ढूंढ़ नहीं पा रही है. ये खुलासा दिल्ली आजतक ने 19 जुलाई को दिखाई अपनी रिपोर्ट में किया था.
गड़बड़ी साफ दिखती तो है, लेकिन शीला सरकार के सामने मुश्किल ये है कि सामने चुनाव हैं, ऐसे में पेंशन को लेकर घोटाले पर सख्ती सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकती है. इसलिए शीला ने कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक बुलाकर तीन सीनियर अधिकारियों को मामला जल्द सुलटाने को कहा.
दिल्ली की समाज कल्याण मंत्री किरण वालिया ने कहा, 'हमने अधिकारियों को कहा है कि वो तरीका निकालें.'
बुजुर्गों को पेंशन देने के मामले में दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों काफी मेहरबानी दिखाई. न सिर्फ 70 साल से ऊपर उम्र के बुजुर्गों को हजार रुपये की जगह डेढ़ हजार देने का फैसला लिया, बल्कि आंकड़े तो ये भी बताते हैं कि औसत के लिहाज से दिल्ली सरकार ने लगातार ऐसे बुजुर्गों की संख्या बढ़ाई. मगर संख्या बढ़ाने के साथ उन लोगों के नाम नहीं काटे गए जो मौजूद नहीं हैं.
अब इस धांधली का असर ये हुआ है कि दिल्ली के सभी बुजुर्गों को पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं मिल पा रही है, जो चुनाव के लिहाज से कांग्रेस के लिए खतरनाक हो सकता है.