इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर मेंबर यासीन भटकल पर पटियाला हाउस कोर्ट ने दो मामले में आरोप तय कर दिए हैं. ये आरोप 2010 में जामा मस्जिद में हुए आतंकी हमले के मामले में तय किए गए हैं. पटियाला हाउस कोर्ट ने 23 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई करने का फैसला किया है. 23 अक्टूबर से ही इस मामले मे गवाहों की गवाही का काम भी कोर्ट मे शुरू हो जाएगा.
सबूत के अभाव में तीन लोग बरी
19 सितंबर, 2010 को पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद के आगे दो बाइक पर सवार आतंकियों ने ना सिर्फ पर्यटकों पर गोलियां चलाई थीं, बल्कि एक कार को भी ब्लास्ट करके उड़ा दिया था. इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया है क्योंकि पुलिस उनके खिलाफ कोई पुख़्ता सबूत पेश नहीं कर पाई. हालांकि पुलिस ने तीनों के नाम अपनी चार्जशीट में दिए थे. कोर्ट ने आज जिन तीन लोगों को बरी किया है, उनके नाम सैयद इस्लामी, अब्दुश साबूर और रियाज़ अहमद सईदी है.
भटकल को NIA की कोर्ट सुना चुकी है फांसी की सजा
भटकल पर इस केस के अलावा चार और मामले भी कोर्ट में चल रहे हैं, जिसमे 2008 में दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट का मामला भी शामिल है. भटकल को एनआईए की कोर्ट ने पिछले साल ही फांसी की सजा सुनाई है. ये सजा उसे 2013 में हैदराबाद में हुए बम ब्लास्ट के मामले में सुनाई गई थी. इस ब्लास्ट में 18 लोगों की जान चली गई थी.