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'मुझ पर भगवान की कृपा है. मैं तुम्हारे सारे दुख दूर कर दूंगा...' खुद को बाबा बोलने वाला 33 साल का विनोद कश्यप इन्ही बातों से महिलाओं को अपने झांसे में लेता. फिर उनका रेप करता. अगर कोई महिला उसका विरोध करती तो वह उसे ब्लैकमेल करता और उससे पैसा वसूलने लग जाता. इतना ही नहीं, इस बाबा का अपना एक यूट्यूब चैनल भी है. कई हजार यूजर्स इस बाबा को फॉलो करते हैं.
लेकिन वो कहते हैं न कि किसी के साथ गलत करने वाला चाहे जितना भी शातिर क्यों न हो, उसे अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है. इस बाबा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. दिल्ली के रहने वाले बाबा विनोद कश्यप के खिलाफ गाजियाबाद के लोनी की 3 से 4 महिलाओं ने द्वारका थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.
बाबा के ऊपर रेप और पैसों के लिए ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया. पुलिस ने तुरंत बाबा के खिलाफ एक्शन लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट में पेश करके उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा माता मसानी चौकी दरबार के नाम से अपना आश्रम चला रहा था. ककरौला मोड़ निवासी महिला ने पुलिस शिकायत देकर आपबीती सुनाई. महिला ने बताया कि वह अपने पति के साथ बाबा मसानी के पास गई थी. उसके घर में काफी दिक्कत चल रही थी. बाबा ने उसे कष्ट काटने के बहाने अपने विश्वास में लिया. इसके बाद बाबा ने दीक्षा के नाम पर 5 लाख रुपये मांगे.
महिला के अनुसार, उसने इतने पैसे देने से मना किया. इसके बाद वे लोग एक दिन फिर बाबा के पास गए तो बाबा ने उन्हें प्रसाद में नशीला पदार्थ खिला दिया. उसके साथ बाबा ने उससे रेप किया. अब वह पैसों के लिए ब्लैकमेल करने लगा है.
गहने बेचकर महिलाओं ने दिए बाबा को पैसे
जांच पड़ताल में पता चला है कि बाबा मुख्य रूप से गांवों में धार्मिक जुलूसों और कार्यक्रमों में शामिल होता है. वह अक्सर भाषण भी देता है. बांझपन से लेकर पारिवारिक और वैवाहिक विवादों तक के मुद्दों को सुलझाने का दावा करता है. महिलाओं ने बताया कि उन्हें अपने गहने बेचकर बाबा को पैसे देने पड़े.
यूट्यूब पर 900 वीडियो, 34.8 हजार सब्सक्राइबर
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बाबा ने उन्हें उनके अवैध संबंधों के बारे में परिजनों का बताने की धमकी देकर पैसे मांगे थे. वहीं पुलिस पूछताछ में बाबा ने बताया कि उसका एक YouTube चैनल है, जिस पर 900 से अधिक वीडियो अपलोड हैं. करीब 34.8 हजार सब्सक्राइबर हैं.
अस्पताल में 25 हजार रुपये की करता था नौकरी
डीसीपी हर्षवर्धन ने बताया कि विनोद कश्यप ने आध्यात्मिक बाबा बनकर द्वारका में अपने 2 मंजिला मकान में ‘दरबार’ लगाना शुरू किया था. कई साल पहले विनोद एक अस्पताल में काम करता था. 4-5 साल तक विनोद ने वहां काम किया और 25 हजार रुपये महीना लेता था. इसके बाद अचानक उसने नौकरी छोड़ दी और आश्रम खोलकर सेवा करने का फैसला लिया. वह दावा करने लगा कि वह लोगों की निजी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करने का दावा करने लगा. उसने लोगों को बताना शुरू कर दिया कि उसे भगवान का आशीर्वाद मिला है. इसके बाद उनके अनुयायी लगातार बढ़ते गए. बाबा ने साल 2015 में शादी की थी और उसके तीन बच्चे भी हैं.