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3000 लोगों को नहीं चाहिए डीडीए के फ्लैट

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) में फ्लैट पाने का सपना पूरा कर चुके 3000 लोग अब उसको छोड़ना चाह रहे हैं. 2014 में निकले ड्रॉ में 3000 लोग डीडीए को फ्लैट लौटाना चाह रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि डीडीए ने इडब्ल्यूएस वाले फ्लैट को ही एलआईजी बताकर बेचा है.

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दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए ) में फ्लैट पाने का सपना पूरा कर चुके 3000 लोग अब उसको छोड़ना चाह रहे हैं. 2014 में निकले ड्रॉ में 3000 लोग डीडीए को फ्लैट लौटाना चाह रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि डीडीए ने ईडब्ल्यूएस वाले फ्लैट को ही एलआईजी बताकर बेचा है. ये फ्लैट काफी छोटे हैं जबकि उनको इससे बड़े फ्लैट का वादा किया गया था. इस घटना के बाद डीडीए के खिलाफ लोगों में असंतोष है. इस मामले का सबसे पहले खुलासा टीवी टुडे ने ही किया था. टीवी टुडे ने बताया था कि कैसे डीडीए 18 साल पुराने फ्लैट को ही थोड़े बहुत सुधार के बाद ड्रॉ के लिए तैयार किया जा रहा है.

उम्मीद से छोटा रहा सपना
इस हाउसिंग योजना में कुल 25,040 बेघर लोगों को फ्लैट मिला. जब लोग फ्लैट देखने मौके पर जा रहे हैं तो उनकी खुशी गायब हो जा रही है. इसकी मुख्य वजह फ्लैट को छोटा होना बताया जा रहा है. यही नहीं ज्यादातर लोगों की शि‍कायत है कि उन जगहों पर सड़क, पानी व बिजली की भी कोई व्यवस्था नहीं है. दरअसल आवंटियों के दस्तावेजों की जांच के बाद डीडीए ने जब उन्हें आवंटन पत्र भेजे तो लोग अपने परिवारों के साथ मौके पर फ्लैट देखने पहुंचे. फ्लैट की हालत देखने के बाद लोगों में मायूसी छा गई, जिसके बाद वो अब उसे लौटाना चाह रहे है.

वेटिंग लिस्ट वालों को होगा फायदा
डीडीए की इस योजना में करीब 12,00 आवेदक वेटिंग लिस्ट में शामिल हैं. करीब 3 हजार फ्लैटों के सरेंडर के बाद उनका रास्ता साफ हो गया है. सूत्रों का कहना है कि कुछ आवेदकों की जमाराशि बैंकों ने वापस नहीं की है. इसकी शिकायतें लगातार डीडीए को मिल रही हैं.

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