डीयू में अंडर ग्रेजुएशन प्रोग्राम पर जारी बवाल के बीच यूजीसी ने सभी कॉलेजों को फिर से निर्देश जारी कर कहा है कि वो अपने यहां 3 साल के कोर्स में छात्रों का दाखिला शुरू करें. आपको बता दें कि डीयू के 57 कॉलेजों ने यूजीसी को लिखकर सूचित किया है कि वो इस आदेश को मानने के लिए तैयार हैं लेकिन डीयू के 7 कॉलेजों ने यूजीसी को अब तक कोई जवाब नहीं भेजा है.
उधर यूजीसी ने एक स्टैंडिंग कमेटी का भी गठन किया है. ये कमेटी उन छात्रों को सलाह देने के लिए बनी है जो 4 साल के ग्रेजुएशन कोर्स से 3 साल के ग्रेजुएशन कोर्स में आ रहे हैं.
इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी दिनेश सिंह के इस्तीफे की खबर पर दिन भर अटकलें लगाई जाती रहीं. पहले ये कहा गया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है फिर इस खबर का खंडन कर दिया गया. लेकिन खबर इतनी सी नहीं थी. खबर तो ये थी कि सीएसडीएस की सीनियर फेलो मधु किश्वर ने एक नया और सनसनीखेज आरोप लगा दिया है. उन्होंने कहा कि यूजीसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी दिनेश सिंह को धमकी दी है. बकौल मधु किश्वर ये भारतीय विश्वविद्यालयों के अकादमिक इतिहास की अभूतपूर्व घटना थी, जिसने एक साथ बहुत सारे सवाल खड़े कर दिए थे. लेकिन वीसी महोदय ने भी ठान ली है कि लड़ाई चाहे जहां लड़नी पड़े, जारी रहेगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वक्त कई मोर्चे खड़े हो गए हैं. एक तो वो जो सीधे-सीधे चार साल के कोर्स का विरोध कर रहे हैं. दूसरे वो जो इस कोर्स में भारतीय विश्वविद्यालय का विदेशीकरण देख रहे हैं. मसलन वामपंथी. तीसरे वो जिन्हें ये लगता है कि डीयू की बेहतरी इसी कोर्स में है. चौथा यूजीसी है जिसने दिल्ली विश्वविद्यालय को वापस तीन साल का कोर्स लागू करने को कहा है, और पांचवां सरकार है, जो इस मुद्दे पर विचार विमर्श कर रही है. उस पर ये आरोप भी लगे हैं कि वो दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी को धमका रही है.