वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा और 2 को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. फैसले के बाद से सिख समुदाय में रोष है. गुस्साए लोग कोर्ट के सामने ही सज्जन कुमार और अन्य दोषियों के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को पहले ही बरी कर दिया था.
कड़कड़डूमा कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में 5 दोषियों गिरधारी लाल, कैप्टन भागमल, बलवान खोखर को उम्रकैद और महेंद्र यादव, किशन खोखर को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. सीबीआई ने 5 में से 3 दोषियों के लिए फांसी की सजा मांगी थी.
सीबीआई की दलील थी कि इनके अपराध RAREST OF RARE में आते हैं लिहाजा इन्हें मौत की सजा मिलनी चाहिए. वहीं, बचाव पक्ष दो आरोपियों को प्रोबेशन पर रिहा करने की मांग कर रहा था. गौरतलब है कि दिल्ली कैंट में 5 सिखों के कत्ल के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने इन 5 को मुजरिम ठहराया था. इसी केस में ट्रायल कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया है.
उधर, सज्जन कुमार भले ही इस मामले में बरी हो गए हों, लेकिन दंगा पीड़ित उन्हें बरी किए जाने के खिलाफ ऊपर की कोर्ट में जाने का मन बना रहे हैं.1984 के दंगे में इंसाफ की मांग कर रही निरप्रीत कौर 3 मई से भूख हड़ताल पर हैं. उनका वजन करीब 8 किलो कम हो चुका है, लेकिन उनकी मांग है कि जब तक उनको इंसाफ नहीं मिलेगा उनका अनशन जारी रहेगा.
निरप्रीत कौर कहती हैं, ‘मेरी सभी मागें जब तक पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल करूंगी. गोधरा की तरह इसमें भी कमेटी बने.’ निरप्रीत के अलावा दूसरे दंगा पीड़ित भी पिछले कई दिनों से जंतर-मतर में प्रदर्शन कर रहे हैं.