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स्कूल जा रही मासूम बच्ची को कुत्ते ने काटा, MCD बोली- नसबंदी सेंटर का नहीं है डॉग

नई दिल्ली के न्यू उस्मानपुर की रहने वाली 9 साल की बच्ची को स्कूल जाते समय कुत्ते ने काटा लिया. इस दौरान दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी स्टरलाइजेशन ड्राइव में लगे थे. एमसीडी ने आधिकारियों का कहना है कि बच्ची को जिस कुत्ते ने काटा वह एबीसी सेंटर से नहीं था.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. गाजियाबाद में कुत्ते काटने से मासूम की मौत का मामला अभी थमा नहीं था कि दिल्ली में आवारा कुत्ते का शिकार 9 साल की मासूम बनी गई. चौंकाने वाली बात यह है कि घटना उस वक्त हुई जब दिल्ली नगर निगम का कुत्तों की नसबंदी का अभियान चल रहा था. घटना नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के  न्यू उस्मानपुर इलाके की है.

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दरअसल, न्यू उस्मानपुर की रहने वाली शीला देवी 9 साल की पोती को एमडी फ्लैट्स के करीब स्थित स्कूल छोड़ने जा रही थी. इस दौरान दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी इलाके में आवारा कुत्तों के स्टरलाइजेशन ड्राइव (नसबंदी) में लगे थे. तभी एक कुत्ते ने चौथी क्लास में पढ़ने वाली मासूम पर हमला कर दिया और उसके पैरों में काट लिया. 

मामले में MCD ने कही ये बात

आरोप है कि कुत्ता एमसीडी के स्टरलाइजेशन में लगे एबीसी यानि एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का था. एमसीडी ेक अधिकारियों का कहना है कि न्यू उस्मानपुर में एमसीडी फ्लैट्स स्थित एबीसी सेंटर को आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए आवंटित किया गया है. घटना के लिए जिम्मेदार कुत्ता एबीसी सेंटर से नहीं है.

उनका दावा है कि एमसीडी क्षेत्र में आवारा कुत्तों की उचित देखभाल और प्रबंधन के लिए एबीसी केंद्र के स्थापित नियमों का पालन कर रही है. आवारा कुत्तों से निपटने की हमारी प्रक्रिया में एमसीडी 311 ऐप का उपयोग शामिल है, जो हमें स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार आवारा कुत्तों को चुनने और छोड़ने पर नजर रखने और प्रबंधित करने की अनुमति देता है.

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हाईकोर्ट ने इस समस्या पर की थी टिप्पणी, सुप्रीम कोर्ट में भी हुई चर्चा

हाल ही में जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने एक कुत्ता काटने के मामले की सुनवाई में टिप्पणी की थी कि कुत्तों का आतंक गंभीर मुद्दा है और उसपर संबंधित प्राधिकरण को तत्काल ध्यान देना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ के समक्ष हाथ में पट्टी बांधे पेश हुए वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई टाल दी जाय, क्योंकि उनको  आवारा कुत्तों ने काटा है. सीजेआई ने पूछा कि क्या हुआ? इस पर वकील ने कहा कि पांच कुत्तों ने उनको घेर कर हमला कर दिया. सीजेआई ने पूछा कि क्या आपके घर के आसपास या फिर कहीं और?

वकील ने कहा कि घर से निकलते ही कुत्तों ने हमला कर दिया था. सीजेआई ने कहा कि आपको मेडिकल सहायता की जरूरत हो, तो मैं रजिस्ट्री को कह देता हूं. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाल ही में यूपी का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें एक कुत्ता एक मासूम बच्चे को काट रहा है. हम अमूमन इस समस्या और कुत्ता काटने के बाद समुचित इलाज पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जबकि ये बहुत गंभीर समस्या है.

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कुत्ता काटने के बाद रेबीज के लक्षण उभर जाएं, तो अस्पताल में डॉक्टर भी हाथ खड़े कर देते हैं और कहते हैं अब कुछ नहीं किया जा सकता है. इस मामले में भी यही हुआ. अस्पताल में इसका कोई इलाज नहीं था. लिहाजा मासूम अपने पिता की गोद में ही घुट-घुट का दम तोड़ दिया. इसके बाद सीजेआई ने भी इस समस्या से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि दो साल पहले उनके एक लॉ क्लर्क पर भी कार पार्क करते समय आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था.

MCD पर लगा पकड़े गए कुत्ते वापस सड़क पर छोड़ने का आरोप

बीते दिनों कुत्तों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई. MCD ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील रखा कि स्ट्रीट डॉग्स को सिर्फ G20 इवेंट की वजह से पकड़ा गया था. अब उन्हें उन्हीं इलाकों में वापस छोड़ा भी जा रहा है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था. दरअसल MCD ने यह जवाब उस PIL के संबंध में दिया, जिसमें कुत्तों को अवैध रूप से पकड़ने का दावा किया गया है.

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