जेएनयू फोरमेंशन कमिटी फार बीफ एंड पोर्क फेस्टिवल नामक संगठन ने भोजन के अधिकार के नाम पर 28 सितंबर को विश्वविद्यालय परिसर में बीफ और पोर्क परोसने का फैसला किया है जिसपर विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए इसपर रोक लगाने की मांग की है.
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गौ मांस की पार्टी सम्बन्धी खबरों को गंभीरता से लेते हुए एक कड़ा पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजा है. विहिप दिल्ली के महामंत्री सत्येन्द्र मोहन ने पत्र में कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय राष्ट्र द्रोहियों व धर्म द्रोहियों का अड्डा बनता जा रहा है. कभी वहां कश्मीर की आजादी की मांग उठती है तो कभी हिन्दू देवी-देवताओं का खुल्लम खुल्ला अपमान होता है. और अब तो सौ करोड़ से अधिक की आबादी की पूज्य गौ माता को ही खाने की बात होने लगी.
उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में विधार्थियों को कम से कम देश, समाज और धर्म के दुश्मन तो न बनने दे. विहिप ने कड़ी चेतावनी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा है कि जेएनयू जैसे विश्व विख्यात शिक्षण संस्थान में बढ़ती इस प्रवृत्ति को तुरंत रोका जाना चाहिए.
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल ने बताया, ‘मैंने विश्वविद्यालय के कुलपति एस. के. सोपोरी से बात कर विश्वविद्यालय से फैलाए जा रहे देशव्यापी घृणित वातावरण के विषय में अवगत करा दिया था. मैंने उनसे कहा था कि यहां चल रही अनेक प्रकार की देशद्रोही व र्धमद्रोही गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाना नितांत आवश्यक है.’
बीजेपी ने भी दी चेतावनी
उधर दिल्ली बीजेपी ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को इसी महीने विश्वविद्यालय में आयोजन होने वाले एक उत्सव में भोजन के अधिकार के नाम पर सूअर का मांस (पोर्क) और गौमांस (बीफ) परोसने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता ने एक बयान में कहा, ‘अगर 28 सितंबर को जेएनयू के परिसर में छात्रों द्वारा बीफ परोसा जाता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.’ उन्होंने कहा कि जेएनयू फोरमेंशन कमिटी फार बीफ एंड पोर्क फेस्टिवल नामक संगठन ने भोजन के अधिकार के नाम पर 28 सितंबर को विश्वविद्यालय परिसर में बीफ और पोर्क परोसने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह संगठन माओवादियों और राष्ट्र विरोधियों का एक संगठन है तथा इस संगठन के सदस्य माओवादियों से जुड़े हुए हैं.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि ये लोग इस उत्सव के जरिए दिल्ली की कानून व्यवस्था में व्यवधान डालना चाहते हैं और असम जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसका जिक्र करना जरूरी है कि संसद के पिछले सत्र में गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के नौ जिलों में से सात जिले माओवादियों से प्रभावित हैं.’
गुप्ता ने कहा कि अगर ऐसे लोग अपनी योजना में सफल हो जाते हैं तो दिल्ली की शांति प्रभावित होगी और इसके लिए सरकार तथा विश्वविद्यालय जिम्मेदार होंगे.
जेएनयू में है चुनावी माहौल
केंद्रीय विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में इसी महीने की 14 तारीख को छात्र संघ चुनाव होना है. ये चुनाव एक मार्च को हुए चुनावों के केवल छह महीनों के बाद हो रहे हैं. एक मार्च को चुनाव छात्र संघ के चुनाव के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया के चार साल तक रूके रहने के बाद हुआ था. इस चुनावी माहौल में प्रचार कर रही पार्टियों को गौमांस और पोर्क का एक नया मुद्दा मिल गया है.