राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में 32वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया.
मुखर्जी ने उद्घाटन भाषण में कहा कि देश में कौशल विकास और कौशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने इस काम में निजी क्षेत्र को भी जोड़े जाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह काम केवल सरकारी एजेंसियां से ही पूरा नहीं किया जा सकता.
राष्ट्रपति ने हर साल इसी माह होने वाले इस व्यापार मेले की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह व्यापार मेला पिछले 32 सालों से देश की आर्थिक एवं व्यापारिक क्षमता को प्रदर्शित करता आ रहा है. इस दौरान देश का विदेश व्यापार पांच गुना बढ़कर वर्ष 2011-12 में 306 अरब डालर पहुंच गया.
उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक सुधार की दिशा में आगे बढ रही है और हाल ही में सरकार ने बीमा और पेंशन व बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है और कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है.
इस मौके पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और वाणिज्य उद्योग राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी एवं बेलारूस के प्रधानमंत्री डा मिखाइल म्यासनिकोविच भी उपस्थित थे. बेलारूस भागीदार देश है, जबकि दक्षिण अफ्रीका मेले का प्रमुख आकषर्ण है. इस बार इसमें उत्तराखंड को भागीदार राज्य तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह को विशेष आकषर्ण वाला राज्य के रुप में प्रस्तुत किया गया है.