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मकान मालिक का शव रखने से इनकार, 5 घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर भटका शख्स

छोटेलाल के आरोपों के विपरीत मकान मालिक देवेंद्र का कहना है कि छोटेलाल के पास अपनी पत्नी के मौत के कोई ऐसे कागजात नहीं थे, जिससे लगे की उसकी मौत बीमारी से हुई है.

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पुलिस की मदद से रखवाया शव
पुलिस की मदद से रखवाया शव

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राजधानी दिल्ली में हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं, यंहा एक शख्स अपनी पत्नी की लाश को लेकर सड़कों पर पांच घंटे तक भटकता रहा. चिकनगुनिया से पीड़ित इसकी पत्नी की मौत सोमवार करीब 8 बजे हुई, उसके बाद लगातार एक बजे तक ये शख्स अपनी पत्नी की लाश को एंबुलेंस में इधर से उधर लेकर भटकता रहा, बाद में पुलिस की मदद से इसकी पत्नी की लाश को एक घर में रखवाया गया.

5 घंटे तक भटका
दरअसल छोटेलाल नाम के इस शख्स की पत्नी अंजू चिकनगुनिया की बीमारी से पीड़ित थी और पूर्वी दिल्ली के हेडगवार अस्पताल में भर्ती थी, जहां डॉक्टर्स अंजू को चिकनगुनिया की बीमारी से मरने से नहीं बचाए पाए. लेकिन अंजू की मौत के बाद उसकी लाश के साथ जो हुआ वो आपको हैरान कर सकता है. बिहार का रहने वाला छोटेलाल पत्नी की मौत के बाद उसकी लाश एक एंबुलेंस मे कड़कड़डूमा के अपने घर ले गया, जंहा वो किराए पर रहता है. छोटेलाल ने आरोप लगाया कि उसके मकान मालिक और वंहा अन्य लोगों ने उसकी पत्नी की लाश को घर में रखने से मना कर दिया, जिसके बाद वो वापिस एंबुलेंस में हॉस्पिटल ले गया और पांच घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर भटकता रहा.

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छोटेलाल के आरोपों के विपरीत मकान मालिक देवेंद्र का कहना है कि छोटेलाल के पास अपनी पत्नी के मौत के कोई ऐसे कागजात नहीं थे, जिससे लगे की उसकी मौत बीमारी से हुई है. जिस कारण हमने उसकी लाश को मोर्चरी में रखवाने के लिए 2000 रुपए छोटेलाल को दिए थे और साथ में संस्कार करने की जिम्मेदारी भी ली थी.

किराएदार की लाश नहीं रखते मकान मालिक
कड़कड़डूमा गांव के प्रधान का कहना है कि पुलिस ने जब उनको इस बात से अवगत कराया तो उन्होंने अंजू की लाश को अपने घर में रखवा लिया, लेकिन इस इलाके में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब किरायेदारों की बॉडी मकान मालिकों ने घर में रखने से मना किया है. कुछ समय से देश के अन्य इलाकों से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही थीं, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में सामने आई इन तस्वीरों ने देश के सिस्टम के साथ-साथ मानवता पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं.

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