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Note Scam: क्या है 'नोट घोटाला'? जिसे लेकर LG वीके सक्सेना को घेर रही है आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर नोटबंदी के दौरान 1,400 करोड़ रुपये का घोटाले करने का आरोप लगाया है. पाठक ने आरोप लगाया है कि जब नोटबंदी हुई, तब वीके सक्सेना खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन थे और उन्होंने अपने कर्मचारियों पर नोट बदलने का दबाव डाला था.

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एलजी वीके सक्सेना (फाइल फोटो-PTI)
एलजी वीके सक्सेना (फाइल फोटो-PTI)

राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच जंग जारी है. एक्साइज पॉलिसी को लेकर घिरी केजरीवाल सरकार ने अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए दावा किया है कि 2016 में नोटबंदी के दौरान वीके सक्सेना ने 1,400 करोड़ रुपये की पुरानी करंसी बदलवाई थी. 

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एलजी वीके सक्सेना पर आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सोमवार को विधानसभा में पूरी रात धरना दिया. इसके जवाब में बीजेपी के सभी आठ विधायक भी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की बर्खास्तगी की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए. 

सरकार बनाम एलजी की जंग विधानसभा में भी देखने को मिली. मंगलवार को दिल्ली विधानसभा का सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ. आप विधायकों ने एलजी वीके सक्सेना पर लगे आरोपों की जांच की मांग की. वहीं, बीजेपी ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की. 

एलजी पर क्या लगाए हैं आरोप?

- आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को आरोप लगाया कि खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहते हुए वीके सक्सेना ने अपने कर्मचारियों पर नोट बदलने के लिए दबाव डाला था.

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- पाठक ने आरोप लगाया कि जब वो (वीके सक्सेना) खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन थे, तब नोटबंदी हुई थी और एक कैशियर ने लिखित में दिया था कि नोट बदलने के लिए उनपर दबाव बनाया जा रहा है. 

- उन्होंने कहा कि शिकायत करने वाले कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन हम इसकी जांच चाहते हैं. उस समय मीडिया में भी ये बात सामने आई थी और प्रभावित कर्मचारियों ने बयान भी दिए थे.

1400 करोड़ का घोटाला कैसे हुआ?

- आम आदमी पार्टी का दावा है कि खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहते हुए उन्होंने कैशियर से नोट बदलने को कहा था. अकेले दिल्ली ब्रांच से ही 22 लाख रुपये के नोट बदले गए थे.

- पार्टी का दावा है कि देशभर में 7 हजार ब्रांच में नोटों की अदला-बदली हुई थी. इस तरह से ये पूरा घोटाला 1,400 करोड़ रुपये का है.

आम आदमी पार्टी की क्या है मांग?

- आम आदमी पार्टी की मांग है कि 2016 में नोटबंदी के दौरान हुए इस कथित घोटाले की CBI और ED से जांच करवाई जाए.

- जांच के अलावा आम आदमी पार्टी ये भी मांग कर रही है कि वीके सक्सेना को उपराज्यपाल के पद से हटाया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.

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- सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी अपनी शिकायत लेकर सीबीआई दफ्तर जा सकती है. बताया जा रहा है कि पार्टी इस कथित घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज भी सौंप सकती है.

एलजी ऑफिस का क्या है कहना?

- आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए गए इस घोटाले के आरोप को लेकर एलजी ऑफिस की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है. 

- बीजेपी की ओर से भी कुछ नहीं कहा गया है. हालांकि, आरोपों पर जवाब देते हुए बीजेपी ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को बर्खास्त करने की मांग की है.

 

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