कथित शराब नीति मामले में सीबीआई द्वारा साढ़े 9 घंटे की पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल जब अपने घर पहुंचे तो उन्होंने मीडिया से बातचीत. अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी मौजूद रहे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों की तारीफ की. सीएम केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने काफी अच्छे माहौल में और पूरी इज्जत के साथ सवाल पूछे. सीबीआई अधिकारियों ने जितने भी सवाल पूछे सभी के मैंने जवाब दिए. हमारे पास कुछ छुपाने के लिए नहीं है.
आगे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरा का पूरा कथित शराब घोटाला फर्जी है, झूठ है और गंदी राजनीति से प्रेरित है. आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है और कट्टर इमानदारी हमारी बेसिक आइडलोजी है. हम मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे. यही वजह है कि यह लोग हमारे ऊपर कीचड़ देखना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब में अच्छे काम हो रहे हैं, यह काम वह लोग नहीं कर पाते हैं. अच्छे स्कूल नहीं बना पाते हैं. 30 साल में गुजरात में एक स्कूल नहीं बना पाए. इन्हें एक तरीका मिल गया है हमें बदनाम करने का और आम आदमी पार्टी को कुचलने का. 75 साल में जो काम नहीं हुए वह बोल रहे हैं और इसी बात की चर्चा देशभर में हो रही है. ये आम आदमी पार्टी को ख़त्म करना चाहते हैं लेकिन नहीं पता वो हो नहीं सकता हैं क्योंकि देश की जनता हमारे साथ है.
अरविंद केजरीवाल से जब पूछा गया कि सीबीआई ने क्या सवाल पूछे, जवाब में सीएम ने कहा कि शराब नीति के बारे में सीबीआई अधिकारियों ने सब कुछ पूछा. यह नीति कब, कैसे, और कहां से शुरू हुई. करीब 56 सवाल सीबीआई अधिकारियों द्वारा पूछे गए. आगे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा कुछ इंडिकेट नहीं किया कि आगे मुझे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. मेरा मानना है कि यह पूरा मामला फर्जी है, इतना सा भी सबूत उनके पास नहीं है कि हमारी सरकार ने कुछ गलत किया है.
अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के समर्थकों को हिरासत में लिए जाने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि हिरासत में लिया जाना गलत है शांति पूर्वक तमाम समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे. दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र पर एलजी द्वारा आपत्ति दर्ज करने के मामले में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल सदन जरूर होगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कौन से नियम के खिलाफ बोल रहे हैं कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहब संविधान पढ़ें. ऐसा कोई ऐसा एडवाइजर रख लें जिसे संविधान या क़ानून की जानकारी हो.
एलजी ने विशेष सत्र पर जताई थी आपत्ति
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है. इसको लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि बिना नियमों का पालन किए विशेष सत्र बुलाया गया है. एलजी का कहना है कि दिल्ली कैबिनेट और दिल्ली विधानसभा मौजूदा कानून के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं, जिसे उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया है. दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा बिना नियमों के पालन के एक दिवसीय विशेष सत्र की सिफारिश की गई है. कैबिनेट की एक दिवसीय सत्र बुलाने की सिफारिश उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना की गई है.
क्या है शराब घोटाला मामला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. दिल्ली सरकार ने इस नीति के लागू होने के बाद राजस्व में इजाफे के साथ ही माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था लेकिन हुआ ठीक उल्टा. दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ. दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.
एलजी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. एलजी की सिफारिश के बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. इस केस में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 22 अगस्त को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था. करीब छह महीने की जांच के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को फरवरी महीने में गिरफ्तार कर लिया था. मनीष सिसोदिया तभी से सलाखों के पीछे हैं.
मामले में सिसोदिया जेल में बंद
इस मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में बंद हैं. सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया से जेल में प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) ने भी पूछताछ की थी. ईडी ने पूछताछ के बाद जेल से ही मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. ईडी ने मनीष सिसोदिया को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ की थी. मनीष सिसोदिया ने इसी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया.