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हाईकोर्ट से मिलने के बाद AAP ने चुनाव आयोग पर खड़े किए सवाल

'आप' प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बयान जारी करते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आज के फैसले ने भारत में कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थिति के बारे में बहुत गंभीर सवाल उठाए हैं.

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AAP ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
AAP ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

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संसदीय सचिव मामले में अयोग्य ठहराए गए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों हाइकोर्ट से मिली राहत ने पार्टी नेताओं को चुनाव आयोग पर निशाना साधने का बड़ा मौका दे दिया है. 'आप' प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बयान जारी करते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आज के फैसले ने भारत में कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थिति के बारे में बहुत गंभीर सवाल उठाए हैं.

सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगते हुए कहा कि चुनाव आयोग भारत में सबसे विश्वसनीय संस्थान के रूप में माना जाता है जो निश्चित तौर पर सर्वोच्च न्यायालय के बाद दूसरे स्थान रखता है. हालांकि, तत्कालीन चुनाव आयुक्त द्वारा दिल्ली के संसदीय सचिवों के मामले में अपने रिटायरमेंट से एक दिन पहले लिए गए निर्णय और उसकी तत्परता से भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में गंभीर संदेह पैदा हो जाते हैं.

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आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकारों को जिस अलोकतांत्रिक तरीक़े से केंद्र सरकार द्वारा बर्खास्त किया गया था, उस वक्त आम आदमी पार्टी ने उसे देश के स्वस्थ संघीय ढांचे के लिए ख़तरनाक बताया था और उसके ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद की थी.

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा "यह देखकर बड़ा दुख हुआ जब आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को बिना उनका पक्ष सुने बर्खास्त किया गया था तो उसे लेकर कांग्रेस पार्टी भी केंद्र सरकार का समर्थन करती हुई नज़र आई" आम आदमी पार्टी का मानना है कि सरकारें आएंगी और जाएंगी, लेकिन चुनाव आयोग जैसे संस्थानों की खोई हुई विश्वसनीयता फिर से हासिल करने में दशकों का समय लग जाएगा.

आपको बता दें कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के लिए शुक्रवार का दिन बेहद शानदार साबित हुआ क्योंकि हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से लाभ के पद मामले में अयोग्य ठहराए गए 20 विधायकों की सदस्यता बहाल कर दी. साथ ही चुनाव आयोग को फिर से यह केस शुरू करने का निर्देश दिया.

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