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AAP नेता राघव चड्ढा बोले- किसानों के साथ 15 जनवरी की बैठक में खुद आएं PM मोदी

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि बीते 50 दिन से देश का किसान, बड़े-बुजुर्ग, नौजवानों समेत लाखों लोग दिल्ली की दहलीज पर बैठे हैं. मोदी सरकार के तीनों काले कानूनों को वापस कराने और रद्द कराने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.

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किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं (फाइल फोटो: PTI)
किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं (फाइल फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी
  • 15 जनवरी को फिर होगी किसानों और सरकार के बीच बात
  • अब तक किसान संगठनों के साथ 8 दौर की बात हो चुकी है

कृषि कानून बिल के बढ़ते विवाद के बीच आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने बयान जारी कर कहा कि किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की शक्ति केंद्र की मोदी सरकार के पास है, कोई पैनल इसे वापस नहीं करा सकता है. आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार से इन तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करती है. 

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कृषि कानूनों को लेकर जारी अपने बयान में AAP नेता राघव चड्ढा ने कहा, "किसान संगठनों के साथ अब तक 8 दौर की बात हो चुकी है, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है. मोदी सरकार की नियत ठीक नहीं है, सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं करना चाहती है. किसानों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी में शामिल चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक हैं. किसानों को कमेटी के सदस्यों से न्याय की उम्मीद नहीं है. कमेटी के सदस्य बीएस मान ने इन कृषि कानूनों का समर्थन किया है, वह पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक और करीबी भी हैं."

राघव चड्ढा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्दे के पीछे रहकर काम न करें. हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री किसानों के साथ 15 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में खुद आएं और तीनों कानूनों को रद्द करें.

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आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि बीते 50 दिन से देश का किसान, बड़े-बुजुर्ग, नौजवानों समेत लाखों लोग दिल्ली की दहलीज पर बैठे हैं. मोदी सरकार के तीनों काले कानूनों को वापस कराने और रद्द कराने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. बीते 50 दिनों में 67 से ज्यादा वीर किसानों ने शहादत दी है. इस संघर्ष में रोजाना एक से ज्यादा व्यक्ति की मौत हो रही है.

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राघव चड्ढा ने आगे कहा, "8 दौर की बैठक में मोदी सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, पीयूष गोयल समेत कई बड़े-बड़े मंत्री शामिल थे. उन्होंने किसान संगठनों के नेताओं के साथ 8 बार बात करने की कोशिश की, लेकिन बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची. क्योंकि मोदी सरकार की नियत में खराबी है. मोदी सरकार यह तीन काले कानून वापस नहीं करना चाहती है."

राघव चड्ढा ने कहा कि हम चाहेंगे कि देश के प्रधानमंत्री किसानों के साथ 15 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में खुद आएं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्दे के पीछे रहकर काम न करें. प्रॉक्सी मंत्रियों के जरिए काम करने की बजाए खुद सामने आएं और देश के किसानों से बात करें. देश के किसानों की मांगों को स्वीकार करें और इन तीन काले कानूनों को पूरी तरीके से रद्द करें.

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वहीं आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में कहा है कि सरकार इन तीन काले कानूनों को रद्द करे. कोई समिति या किसी और जगह से तीन काले कानून रद्द नहीं होंगे. हम पूरी मजबूती के साथ मांग करते हैं कि आज हमारे बड़े-बुजुर्ग व नौजवान दिल्ली की दहलीज पर बैठे हैं. केंद्र की बेरहम व निर्दयी मोदी सरकार कान खोलकर देश के किसानों की मांग को सुने. किसानों की मांग स्वीकारे और तीनों काले कानून रद्द किए जाएं.

 

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