राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रही तनातनी अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही. हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से सुरक्षा का भरोसा देने और हड़ताल खत्म करने की अपील का आईएएस एसोसिएशन ने स्वागत किया है. दोनों पक्षों की ओर से नरमी दिखाए जाने के बाद हड़ताल के खत्म होने के आसार बनने लगे हैं.
केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि आईएएस अफसर हमारे परिवार का हिस्सा हैं. उन्हें सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार का विरोध आईएएस अफसर बंद कर दें. मुख्यमंत्री की ओर से अफसरों की सुरक्षा का भरोसा जताए जाने के बाद आईएएस एसोसिएशन ने भी नरमी दिखाई है.
अब दोनों पक्षों की ओर से नरमी दिखाए जाने के बाद हड़ताल खत्म होने के आसार बन गए हैं. आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा कि पूरी ऊर्जा और जोश के साथ काम करते रहेंगे. हम इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक बातचीत के लिए तैयार हैं.
#DelhiAtWork #NoToStrike Officers of GNCTD welcome Hon'ble CM's appeal. We reiterate that we continue to be at work with full dedication & vigour. We look forward to concrete interventions for our security & dignity. We are open to formal discussions with Honble CM on this matter
— IAS AGMUT Association (@IAS_Agmut) June 18, 2018
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का धरना सोमवार को भी जारी रहा. इस बीच उनके 2 साथी मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने इस हड़ताल पर ही सवाल उठा दिए हैं.
आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई. बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि जब मंत्री बैठक के लिए अधिकारियों को बुलाते हैं तो फाइलों पर चर्चा करने के लिए तो ये आते नहीं हैं. शिवसेना ने एनडीए में होने के बावजूद हमारा समर्थन किया है. चार राज्यों के मुख्यमंत्री और कई राजनीतिक दलों ने भी हमारा समर्थन किया है.
संजय सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को सुरक्षा देने की बात कहने पर आगे कदम बढ़ाया है तो आईएएस एसोसिएशन को भी ऐसा करना चाहिए. अभी राजधानी दिल्ली में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
'बीजेपी की भाषा ना बोले कांग्रेस'
आप नेता संजय सिंह बोले कि कांग्रेस को यह सोचना चाहिए कि जब-जब लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की गई तब-तब 'आप' ने आवाज उठाई है चाहे वो उत्तराखंड का मामला हो या फिर अरुणाचल प्रदेश का. उन्हें सोचना चाहिए कि वो आज बीजेपी की भाषा क्यों बोल रहे हैं.
"कांग्रेस को निश्चित रूप से सोंचना चाहिए जब जब मणिपुर, उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई सबसे पहले AAP ने Congress से पहले आवाज़ उठाई,
दिल्ली में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और कांग्रेस की यह चुप्पी राजनैतिक इतिहास में काले अक्षरों में लिखी जाएगी"- @SanjayAzadSln pic.twitter.com/DXvtPvV8AJ
— AAP (@AamAadmiParty) June 18, 2018
हाईकोर्ट की टिप्पणी का देंगे जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी पर आप नेता ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो कुछ भी कहा है हम उसका जवाब जरूर देंगे, धरना देने की जरूरत एक ही दिन में नहीं आई हमने लोकतंत्र के हर तरीके को अपनाया है. उन्होंने कहा कि हमने एलजी साहब से पांच मिनट मांगे थे, लेकिन सात दिनों में उनको पांच मिनट का समय नहीं मिल पाया.
आप ने बनाई कमेटी
आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पार्टी ने एक कमेटी का गठन किया है, जो कि इस मामले पर नज़र रखेगी. उन्होंने कहा कि सैलरी पा रहे अफसर काम पर नहीं आ रहे हैं उम्मीद है कि कोर्ट उन अधिकारियों के बारे में भी टिप्पणी करेगा.
विजेंद्र गुप्ता ने किया हमला
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि हमें धरना देते 6 दिन हो गए हैं जबकि भूख हड़ताल 4 दिन से जारी है. आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं लेकिन केजरीवाल जी ने खुद काम कर रहे हैं. बिना किसी कारण के वे वहां पड़े हुए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ये धरना है या हड़ताल और क्या इसकी कोई अनुमति ली गई या खुद ही तय कर लिया गया.
कोर्ट ने पूछा कि अगर ये खुद व्यक्तिगत रूप से तय किया गया (केजरीवाल और मंत्रियों द्वारा) फैसला है तो ये एलजी के घर के बाहर होना चाहिए था. क्या एलजी के घर के अंदर धरना करने के लिए इजाजत ली गई है? हाईकोर्ट ने कहा कि आप कैसे किसी के घर या दफ्तर में जाकर हड़ताल पर बैठ सकते हैं.
उन्होंने सीधा सवाल किया कि जैसे ट्रेड यूनियन अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठती है, क्या ये वैसी ही हड़ताल है. धरने पर बैठने का फ़ैसला कैबिनेट का है या ये व्यक्तिगत फ़ैसला है. कोर्ट की ओर से कहा गया है कि इसका जल्द से जल्द कोई समाधान ढूंढा जाना चाहिए.
केजरीवाल पर हाईकोर्ट की टिप्पणी- किसी के घर-दफ्तर में घुसकर हड़ताल नहीं कर सकते
रविवार को किया था प्रदर्शन
गौरतलब है कि रविवार को आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री आवास को घेरने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग से आगे नहीं बढ़ने दिया. हालांकि, कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार और आईएएस अधिकारियों के बीच चल रहा ये टकराव सोमवार को खत्म हो सकता है.
रविवार शाम को ‘आप’ के मंडी हाउस से संसद मार्ग तक के मार्च के बाद केजरीवाल ने IAS अफसरों से एक बार फिर काम पर लौट आने की अपील की. सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल की अपील पर IAS अधिकारी सोमवार को इस पर फैसला ले सकते हैं.
सत्येंद्र जैन पहुंचे अस्पताल
उप राज्यपाल के आवास पर पिछले सात दिन से धरने पर बैठे मंत्री सत्येंद्र जैन की रविवार आधी रात को अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें फौरन एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अचानक तबियत बिगड़ने पर डॉक्टरों की एक टीम उन्हें एलएनजेपी अस्पताल लेकर गई. डॉक्टरों ने बताया कि मंत्री को कुछ दिनों तक अस्पताल में ही रखना पड़ेगा, उन्हें ग्लूकोज़ चढ़ाया जा रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खबर की पुष्टि की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,"सत्येंद्र जैन को खराब स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया है.
बढ़ता जा रहा है समर्थन
अरविंद केजरीवाल के इस आंदोलन को अब देश के कई अन्य नेताओं का समर्थन मिलना शुरू हो गया है. रविवार को नीति आयोग की बैठक के लिए नई दिल्ली पहुंचे कर्नाटक सीएम एच.डी. कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल सीएम विजयन और बंगाल की ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में बात भी की. इसके अलावा भी विपक्षी पार्टियों के कई नेता लगातार अरविंद केजरीवाल के समर्थन की बात कर रहे हैं.