मध्य प्रदेश के मंदसौर से शुरू हुई किसान आंदोलन की आग कई राज्यों से होते दिल्ली तक पहुंच रही है. किसानों के आंदोलन में अब राजनीतिक पार्टियां भी कूद रही हैं जिससे केंद्र सरकार को घेरा जा सके. दिल्ली में आज आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय किसान कॉंफ्रेंस बुलाई है जिसमें 17 राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे. इस किसान सम्मेलन में आम आदमी पार्टी किसानों के मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन करने की रणनीति बनाएगी.
सम्मेलन के पहले हिस्से में आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेता और राजस्थान के प्रभारी कुमार विश्वास भी शिरकत करेंगे, जबकि दूसरे हिस्से में आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे.
सम्मेलन में किसानों की समस्याओं को लेकर होगी चर्चा
आम आदमी पार्टी के मुताबिक इस कार्यक्रम के पहले हिस्से में किसानों की समस्याओं पर चर्चा होगी और दूसरे सत्र में आंदोलन की भावी रुपरेखा पर चर्चा की जाएगी. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी शिरक़त करेंगे और किसानों से बात करेंगे. आम आदमी पार्टी ने देशभर के सभी किसानों से अपील किया है कि वो किसी भी हिंसा से दूर करें क्योंकि आप का आरोप है की कुछ शरारती लोग किसानों के संघर्ष को बदनाम करने के लिए हिंसा फैला रहे हैं ताकि किसानों की आवाज़ को बलपूर्वक दबाया जा सके, बेहतर है कि किसान शांतिपूर्वक अपनी मांगों को रखें.
आज के किसान सम्मेलन में आम आदमी पार्टी किसानों की समस्याओं पर बात करेगी. इस सम्मेलन में पार्टी और किसानों की तरफ से कुछ प्रस्ताव भी रखे जाएंगे और सूत्रों की माने तो इन प्रस्ताव के पास होने के बाद आम आदमी पार्टी कई राज्यों में किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हो सकती है.
किसान सम्मेलन में आम आदमी पार्टी किसानों को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा फसल के खराब होने पर 50000 प्रति हेक्टेयर का मुआवजा देने की योजना के बारे में बताएंगी. साथ ही प्रस्ताव रखेगी की सभी राज्य फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को वैसा ही मुआवजा दें.
किसानों के मुद्दों से वोट बैंक का समर्थन पाने की कोशिश
सूत्रों की माने तो आम आदमी पार्टी किसानो के साथ आंदोलन में शिरकत करने के लिए सबसे पहले राजस्थान से आंदोलन खड़ा कर सकती है. हाल ही में राजस्थान का प्रभार कुमार विश्वास को दिया गया था. साथ ही पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी लड़ेगी. ऐसे में किसानों के मुद्दों से उसे एक बड़े वोट बैंक का समर्थन बटोरने की कोशिश कही जा सकती है.