दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनाएगी और मुख्यमंत्री होंगे अरविंद केजरीवाल. इसकी जानकारी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दी. कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाने पर कराए गए जनमत संग्रह की समीक्षा करने के लिए सोमवार को पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी की बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया.
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आम आदमी पार्टी ने जानकारी दी कि इस जनमत संग्रह में पार्टी को कुल 6,97,370 एसएमएस मिले. वहीं इंटरनेट के जरिए 74 फीसदी जनता ने सरकार बनाने पर सहमति जताई. इसके अलावा दिल्ली में आयोजित कुल 280 में से 257 जनसभाओं में सरकार बनाने का रुझान दिखा.
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पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमारी पार्टी पहले ही अरविंद केजरीवाल को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर चुकी है इसलिए मुख्यमंत्री वही बनेंगे.
अरविंद केजरीवाल ने सोमवार दोपहर 12.30 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की और शपथ ग्रहण की तारीख व जगह का प्रस्ताव रखा. खबर है कि केजरीवाल दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे.
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शीला और डॉ. हर्षवर्धन ने दी शुभकामना, साथ में साधा निशाना
जैसे ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाने की घोषणा की उन्हें शुभकामनाएं मिलने लगीं. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और बीजेपी के सीएम उम्मदीवार डॉ. हर्षवर्धन ने केजरीवाल को बधाई दी. हालांकि इस बहाने दोनों नेता निशाना साधना भी नहीं भूले. शीला दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस ने बिना शर्त समर्थन नहीं दिया है. हमारा समर्थन मुद्दों पर आधारित है. अब ये उनकी जिम्मेदारी है कि जो बड़े-बड़े वादे किए हैं उन्हें पूरा किया जाए. वहीं हर्षवर्धन ने कहा कि जिसके खिलाफ आवाज उठाकर केजरीवाल ने अपनी सियासत की नींव रखी आज उसी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाने जा रहे हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. बीजेपी 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं आम आदमी पार्टी को 28 सीट मिले और कांग्रेस को मात्र 8 सीटों से संतोष करना पड़ा. उपराज्यपाल ने सबसे पहले बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया हालांकि पार्टी ने बहुमत न होने का हवाला देते हुए इस संभावना से इनकार कर दिया. अब बारी आई आम आदमी पार्टी की. पहले तो केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस या बीजेपी से न समर्थन लेने और देने की बात कहती रही पर ऐन मौके पर कांग्रेस ने उन्हें बाहर से बिना शर्त सर्मथन देने का पत्र उपराज्यपाल के पास भेज दिया. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस समर्थन को लेकर पूरी दिल्ली में जनमत संग्रह कराया जिसके आधार पर सोमवार को सरकार बनाने का फैसला किया गया.