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Delhi MCD Election: एमसीडी पर कब्जे के लिए AAP और BJP ने चले दांव, कांग्रेस वायदों के भरोसे

बीजेपी दिल्ली नगर निगम में 15 साल से काबिज है और जीत के सिलसिले को बरकरार रखना चाहती है. कांग्रेस भी सियासी वजूद को बचाए रखने की लड़ाई लड़ रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में आठ साल से है, लेकिन एमसीडी में दबदबा कायम नहीं कर सकी है. ऐसे में दिल्ली नगर निगम का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है.

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MCD चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और 'आप' के बीच टक्कर
MCD चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और 'आप' के बीच टक्कर

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के तारीखों की घोषणा तो अभी नहीं हुई है, लेकिन सियासी तपिश बढ़ गई है. एमसडी चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और बीजेपी मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने-अपने दांव चलने लगे हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं को अलग से 'महिला मोहल्ला क्लीनिक' की सौगात दी है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 3024 लोगों को नए फ्लैट की चाबिंया सौंपी हैं. आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ने ही एमसीडी चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है तो वहीं कांग्रेस चुनावी वादों के भरोसे है.

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एमसीडी पर बीजेपी पिछले 15 सालों से काबिज है और वो अपना सियासी वर्चस्व बनाए रखना चाहती है. वहीं, आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में आठ साल से प्रचंड बहुमत के साथ है, लेकिन एमसीडी में अपना दबदबा कायम नहीं कर सकी है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा की तरह एमसीडी में अपना रुतबा स्थापित करना चाहते हैं, जिसके लिए इन दिनों उन्होंने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. 

महिलाओं को साधने की कवायद में आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी कभी दिल्ली में कूड़े की सियासत को लेकर बीजेपी को घेर रही है तो कभी मतदातओं को लुभाने के लिए विकास की सौगात दी रही है. दिल्ली की साफ-सफाई और कूड़े के ढेर को लेकर केजरीवाल एमसीडी का एजेंडा सेट कर रहे हैं. केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली की महिलाओं के लिए विशेष चार 'महिला मोहल्ला क्लीनिक' की सौगात दी है, जहां महिलाओं को अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ की सेवाएं, जांच और दवाइयां मुफ्त उपलब्ध मिलेंगी. यहां पर 12 साल के कम उम्र के बच्चों का इलाज किया जाएगा. 

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दिल्ली में चार महिला मोहल्ला क्लीनिक खोले गए हैं, जो दिल्ली के मुनिरका के बस्ती विकास केंद्र, काली मंदिर डीआईजेड स्टफ क्वार्टर नई दिल्ली, कोंडली के सपेरा बस्ती और बाटला हाउस के डीजेबी सीवरेज पंपिंग स्टेशन पर हैं. इस तरह दिल्ली के चारों इलाकों में अभी एक-एक महिला क्लीनिक की सौगात मिली है. इस तरह केजरीवाल ने महिला मतदातओं को साधने की कवायद की है. इससे पहले केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को डीटीसी बसों में फ्री यात्रा की सौगात दी थी. डीटीसी फ्री योजना के तहत 40 फीसदी महिलाएं (आंकड़े जनवरी 2022 तक) बसों में यात्रा करती हैं.

बीजेपी ने भी कसी कमर
बीजेपी दिल्ली नगर निगम में 15 साल से काबिज है और अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रखने की कवायद में है. यही वजह है कि बीजेपी मतदाओं को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुट गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के कालकाजी इलाके में झुग्गी-झोपड़ी वालों को 3024 फ्लैट की चाबी सौंपी और कहा कि ये झुग्गीवासियों के लिए जीवन की नई शुरुआत है. इसी तरह कठपुतली कॉलोनी में भी काम तेजी से चल रहा है, जहां झुग्गियों में रहने वालों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट दिए जाएंगे. 

पीएम मोदी ने कहा कि हजारों झुग्गीवासियों के लिए ये बड़ा दिन है, जीवन की एक नई शुरुआत है. मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार के ये प्रयास दिल्ली को आदर्श शहर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. हमारी सरकार का पूरा ध्यान गरीबी से जूझ रहे परिवारों पर है. ये फ्लैट सभी नागरिक सुविधाओं से लैस हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि पुनर्वास परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी समूहों के निवासियों को उचित सुविधाओं और सुविधाओं के साथ रहने का बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है. 

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AAP के वोट बैंक में सेंध लगाने में जुटी बीजेपी
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास परियोजना के तहत कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं. कालकाजी विस्तार परियोजना के तहत, 3 स्लम समूहों यानि भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और कालकाजी स्थित जवाहर कैंप के स्लम पुनर्वास का काम चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. 

बीजेपी नेताओं का मानना है कि इस कदम से आगामी दिल्ली नगर निगम चुनावों में उसको फायदा मिल सकता है. झुग्गी में रह रहे लोगों को पक्के घर देने के कदम से बीजेपी को मदद मिलेगी क्योंकि झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे मतदाता आम आदमी पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक माने जाते हैं. इसीलिए झुग्गी-झोपड़ी वालों को फ्लैट की चाबी को सौंपने के लिए पीएम मोदी के कार्यक्रम की टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण है. 

मतदाताओं को लुभाने में कांग्रेस भी जुटी
बीजेपी ने इससे पहले साल 1998 से 31 मार्च 2009 तक की एमसीडी में नियुक्ति वाले सभी कर्मचारियों को स्थाई तौर पर पक्का किया है, जिसमें सफाइकर्मी, चौकीदार, माली, बेलदार आदि शामिल थे. इतना ही नहीं, दिल्ली के एमसीडी चुनाव से पहले बीजेपी ने शहर के 10 लाख से ज्यादा परिवारों से संपर्क साधने के लिए 'हर घर संपर्क' अभियान शुरू किया है. बीजेपी 13 हजार मतदान केंद्रों में से प्रत्येक के 100 घरों में जाकर संपर्क कर अपनी बात रख रही है. इस तरह बीजेपी एमसीडी में अपने सियासी दबदबे को बनाए रखना चाहती है. 

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कांग्रेस, दिल्ली में अपने सियासी वजूद को बचाए रखने की लड़ाई लड़ रही है. ऐसे में सिर्फ वादों के सहारे एमसीडी में अपनी नैया पार लगाना चाहती है. कांग्रेस, दिल्ली के एमसीडी में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार और एमसीडी में काबिज बीजेपी पर सवाल खड़े कर रही है. ऐसे में दिल्ली एमसीडी चुनाव की घोषणा से पहले शह मात के खेल शुरू है.

 

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