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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव लड़े बिना ही AAP का खुल गया खाता!

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी की भी एंट्री हुई है. AAP के खाते में राज्य में एक सीट आ गई है. इस सीट की सौगात एक निर्दलीय उम्मीदवार ने दी है. चुनाव परिणाम के बाद निर्दलीय उम्मीदवार आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई.

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दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो- पीटीआई)
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो- पीटीआई)

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे आ गए हैं. टीएमसी ने तीनों फॉर्मेट में जबरदस्त जीत हासिल की है. दूसरे नंबर पर बीजेपी रही. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी मैदान में नहीं थी. उसके बाद राज्य में AAP का खाता खुल गया. दरअसल, कूचबिहार जिले में पंचायत चुनाव जीतने वाला एक निर्दलीय उम्मीदवार शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गया है.

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AAP ने बताया कि दिनहाटा की अटियाबारी-1 पंचायत के बूथ संख्या 6/239 से नाजरीना बीबी ने चुनाव जीता है. वे निर्दलीय उम्मीदवार थीं. शुक्रवार को कूचबिहार जिले के प्रभारी अमिताव देबनाथ की उपस्थिति में नाजरीना AAP में शामिल हुईं. पार्टी पदाधिकारी ने कहा कि नाजरीना के पार्टी में आने से कूचबिहार में संगठन को मजबूती मिलेगी.

पंचायत चुनाव में टीएमसी ने जीतीं सबसे ज्यादा सीटें

बता दें कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला परिषद की 928 सीटों में से 880 पर जीत हासिल की है. जबकि भाजपा ने कुल 31 सीटें जीतीं. कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन को 15 सीटों पर जीत मिली. अन्य ने शेष दो सीटें जीतीं. इसी तरह, पंचायत समिति के चुनाव में टीएमसी 6,450 से ज्यादा सीटों पर विजयी हुई. बीजेपी ने करीब 1,000 सीटें जीती हैं. सीपीआई (एम) ने 180 और कांग्रेस ने 260 से अधिक सीटें जीती हैं.

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बीजेपी ने ग्राम पंचायत की 10 हजार सीटें जीतीं

वहीं, ग्राम पंचायत के नतीजों में भी टीएमसी का जलवा देखने को मिला. सत्तारूढ़ पार्टी ने कुल 63,219 सीटों में से 35,000 से ज्यादा पर जीत हासिल की. बीजेपी ने करीब 10,000 सीटें जीतीं. जबकि लेफ्ट-कांग्रेस को करीब 6,000 सीटें मिलीं.

चुनाव से जुड़ी हिंसा में 37 लोग मारे गए?

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव हुए थे. तीन जिलों के 20 बूथों पर गड़बड़ी होने पर चुनाव रद्द कर दिया गया था. वहां दो दिन बाद पुर्नमतदान हुआ था. 11 जुलाई को मतगणना प्रक्रिया शुरू हुई. कुल 71,000 सीटों पर मतदान हुआ. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि 8 जून को चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से हिंसा में 19 लोग मारे गए हैं, इनमें ज्यादातर टीएमसी से जुड़े लोग थे. हालांकि, पुलिस सूत्रों ने मरने वालों की संख्या 37 बताई है.

हिंसा पर अमित शाह की टिप्पणी, टीएमसी ने किया पलटवार

पंचायत चुनाव में हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान था और कहा था- खूनी हिंसा भी भाजपा को चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती. भाजपा ने पिछले चुनाव की तुलना में अपनी सीटों की संख्या लगभग दोगुनी कर ली है. लोगों का स्नेह पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के साथ है और निश्चित रूप से रहेगा. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी को जबरदस्त ऊंचाइयों तक ले जाएं.

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अमित शाह का बयान गलत: टीएमसी

शाह के बयान पर टीएमसी ने निशाना साधा और कहा कि उनका बयान असंवेदनशील है. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि शाह फर्जी वोट प्रतिशत के आधार पर टिप्पणी कर रहे हैं. ओ'ब्रायन ने एक ट्वीट में कहा, गृह मंत्री अमित शाह, आपका यह कितना अरुचिकर, असंवेदनशील है. आप कितना नीचे जा सकते हैं? गृह मंत्री के रूप में लोगों की रक्षा करना और देश को शांति बनाए रखना आपकी जिम्मेदारी है. दुखी परिवारों के प्रति संवेदना दिखाने के बजाय आप (फर्जी) वोट प्रतिशत की राजनीति कर रहे हैं. शर्म की बात है.

बंगाल ने बीजेपी को फिर खारिज किया

ओ'ब्रायन ने आगे कहा- शाह ने चुनाव के दौरान भाजपा को मिले वोटों के प्रतिशत का जो दावा किया है वह गलत है. आपकी पार्टी का वोट प्रतिशत गिर गया है. बंगाल के लोगों ने फिर से आपको खारिज कर दिया है. मैं पूछता हूं, आप मणिपुर के लिए क्या कर रहे हैं? आप जम्मू-कश्मीर के बारे में क्या कर रहे हैं? शालीनता और मानवता दो शब्द हैं जो आपके शब्दकोष में मौजूद नहीं हैं.

 

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