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'चालान' काटने के अधिकार पर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस में घमासान

AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि " दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जो चालान करती है उसका पावर भी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली पुलिस के पास नहीं है, वह पावर दिल्ली सरकार की पावर है, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की पावर है.

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मास्क न होने पर चालान काटने के अधिकार पर घमासान (फाइल फोटो)
मास्क न होने पर चालान काटने के अधिकार पर घमासान (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली सरकार ने किए सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स तैनात
  • मास्क न लगाने पर काट सकते हैं चालान
  • दिल्ली पुलिस ने किया विरोध, कहा 'सावधान रहें'

देश की राजधानी में कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ़ चालान काटने के लिए, दिल्ली की सड़कों और भीड़ वाले इलाकों में AAP सरकार द्वारा तैनात किए गए सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को लेकर घमासान शुरू हो गया है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को कोरोना नियमों के खिलाफ़ किसी भी तरह का चालान काटने की पावर नही दी गयी है. दिल्ली पुलिस के इस बयान के सामने आते ही आम आदमी पार्टी ने भी पलटवार किया है.

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सबसे पहले आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने क्या कहा है. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर लिखा "दिल्ली पुलिस को ज्ञात हुआ है कि दिल्ली सिविल डिफेंस वालंटियर्स कोविड नियमों की अवहेलना के चालान कर रहे हैं. इनके पास अभियोजन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. अक्सर इन्हें दिल्ली पुलिसकर्मी समझ लिया जाता है और इनके कुछ कुकृत्य दिल्ली पुलिस के समझ लिए जाते हैं. सतर्क रहें"

अगले ट्वीट में वजह बताते हुए दिल्ली पुलिस ने लिखा "ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि इन वालंटियर्स को पुलिस से मिलती जुलती वर्दी मिलती है. ऐसे मामलों का संज्ञान लेते हुए कुछ FIR दर्ज की जा चुकी हैं और अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है. दिल्ली की जनता से अपील है ऐसे किसी भी चालान को स्वीकार करने के पहले चालान-कर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें". आप ये ट्वीट यहां भी पढ़ सकते हैं.

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सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स मामले पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज दिल्ली पुलिस पर जमकर बरसे. AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि "दिल्ली पुलिस और रेवेन्यू डिपार्टमेंट इस मामले में आपस में बातचीत कर सकते हैं. मेरा मानना है कि आईपीएस ट्रेनिंग में उन्हें कानून की पढ़ाई कराई जाती है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जो चालान करती है उसका पावर भी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली पुलिस के पास नहीं है, वह पावर दिल्ली सरकार की पावर है, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की पावर है. दिल्ली सरकार इसे दिल्ली पुलिस को डेलीगेट करती है कि आप हमारी पावर का इस्तेमाल करके चालान काटें.''

सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि "चालान काटने के नाम पर दिल्ली पुलिस कितना चालान करती है और कितनी अपनी जेब में भर्ती है, यह बात दिल्ली वाले जानते हैं"

इसके अलावा आम आदमी पार्टी के नेता ने दिल्ली पुलिस के ट्वीट को राजनीतिक बताते हुए कहा कि "डेलिगेशन आफ पावर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कानून का एक हिस्सा होता है. अगर दिल्ली पुलिस को इस पर कोई संशय है, तो जिस तरह से सरकारी काम होता है, वो दिल्ली सरकार के सम्बंधित विभाग से बात करें. डेलिगेशन ऑफ पावर का इस्तेमाल करे, यह ट्वीट करना उनका काम नहीं है, राजनीतिक पार्टियां ट्वीट कर सकती हैं, लेकिन पुलिस भी ट्वीट करेगी, तो यह पॉलिटिकल काम होगा. इससे पुलिस का महत्व कम होता है, लोगों को लगेगा कि पुलिस राजनीतिक हथियार की तरह काम कर रही है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर इस बात को समझते होंगे कि क्लेरिटी ट्विटर पर नहीं मिलती है"

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आपको बता दें कि इससे पहले AAP सरकार द्वारा दिल्ली पुलिस के लिए किसान आंदोलन की ड्यूटी पर लगाई गयीं डीटीसी बसों को वापस मांगने पर भी जबरदस्त राजनीतिक घमासान हो चुका है. वहीं केंद्र सरकार द्वारा LG को अधिक पॉवर दिए जाने पर भी जंग छिड़ी हुई है. ऐसे में अब सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स का मामला दिल्ली में नए राजनीतिक विवाद की वजह बन सकता है.

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