लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए आम आदमी पार्टी ने तैयारी तेज़ कर दी है. 13 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की मेजबानी में 'तानाशाही हटाओ-लोकतंत्र बचाओ रैली' बुलाई गई है. 'आप' नेता गोपाल राय के मुताबिक इस रैली में शामिल होने के लिए देशभर के विपक्षी दलों के साथ-साथ कांग्रेस को भी आमंत्रित किया गया है.
अब सवाल उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी, 13 फरवरी को एक साथ जंतर-मंतर के मंच से पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते नज़र आएंगे? गोपाल राय ने बताया कि मोदी सरकार के खिलाफ जंतर-मंतर पर होने जा रही रैली की मेजबानी आम आदमी पार्टी कर रही है. इस रैली में उन तमाम विपक्षी दलों को बुलाया गया है जो कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में शामिल हुए थे.
आगे 'आप' नेता गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में देश भर की विपक्षी पार्टियों के साथ संपर्क साधने का काम चल रहा है. हमें पूरी उम्मीद है कि सभी विपक्षी दलों के लोग 13 फरवरी को तानाशाही हटाओ लोकतंत्र बचाओ सत्याग्रह में शामिल होंगे"
वहीं दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा है कि उन्हें आम आदमी पार्टी से इसका न्यौता नहीं मिला है. आमंत्रण मिलने के बाद इस पर विचार किया जाएगा.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में एक नए कैम्पेन की शुरुआत का ऐलान किया है. 13 फरवरी की रैली के बाद दिल्ली के 'आप' विधायक और पार्षद मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे. 15 फरवरी से शुरू होने जा रहे इस कैम्पेन की कमान विधायक और पार्षदों के हाथ में होगी, जो घर-घर जाकर लोगों से बातचीत करेंगे.