आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर बयान देने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को आम आदमी पार्टी (आप) ने खुली बहस की चुनौती दी है. आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि पुरी आप की चिता न करें, अगले सात दिनों तक हम दिल्ली की जनता के बीच भाजपा के असली चेहरे को बेनकाब करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की दिल्ली विरोधी नीतियों के बारे में बताने का काम करेंगे.
सौरभ ने पुरी पर आरोप लगाया कि वो अपना काम दिखाने के नाम पर शून्य हैं. वह अब चुनावी राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर अपनी किस्मत आजमाने निकले हैं. यह समझ से बिल्कुल ही परे है कि पुरी दिल्ली की राजनीतिक स्थिति पर अपनी विशेषज्ञ टिप्पणी किस क्षमता के आधार पर दे रहे हैं.
भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी का जन्म लोकपाल आंदोलन से हुआ है. भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में इसे लागू करने का वादा किया था. परंतु वर्तमान सरकार ने पांच साल तक देश की जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया है. इसलिए देश के सर्वोच्च न्यायालय को कड़ा कदम उठाना पड़ा और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद मजबूरीवश भाजपा सरकार को लोकपाल की नियुक्ति करनी पड़ी.
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने हरदीप सिंह पुरी को खुली चुनौती देते कहा कि दिल्ली से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बहस करने को तैयार है. इसी बीच सौरभ ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से 5 सवाल पूछे हैं-
1- हरदीप पुरी बताएं कि दिल्ली मेट्रो बोर्ड में केंद्र सरकार के नुमाइंदों ने अनुचित मेट्रो किराया बढ़ाने का समर्थन क्यों किया?
2- दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से मेट्रो मंत्रालय के प्रतिनिधियों को आप ने क्या निर्देश दिए थे?
3- नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली मेट्रो फेज 4 के तीन मार्गों को, जो दिल्ली सरकार ने मंजूरी दी थी उसे क्यों रोक दिया?
4- आप और आपका मंत्रालय मेट्रो फेज फोर के तीन मार्गो को मंजूरी नहीं देने के कारणों को जनता के बीच सार्वजनिक करने से क्यों डरते हैं?
5- भारतीय चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता लागू होने से 1 दिन पहले डीडीयू मार्ग पर भाजपा को 2 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का क्या औचित्य है?
हरदीप सिंह पुरी ने आप पर साधा था निशाना
पिछले ही दिन हरदीप सिंह पुरी ने आप पर निशाना साधते हुए कहा था कि केजरीवाल व उनकी सरकार हर दिन दिल्लीवालों से झूठ बोलकर गलत धारणा बनाने कोशिश कर रहे हैं. केंद्र सरकार उनके झूठ को दिल्ली वालों के बीच उजागर करेगी. उन्होंने कहा था कि एक तरफ केजरीवाल सरकार धन के अभाव की बात करके दिल्ली-मेरठ जैसी महत्वपूर्ण परियोजना में अपने हिस्से की राशि देने से साफ इंकार करती है, दूसरी तरफ करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च कर रही है. इस झूठ के सहारे लोगों को भ्रमित करने के अलावा कुछ भी नहीं रहता.