दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रधान सचिव पर सीबीआई छापेमारी के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर डीडीसीए घोटाले में जेटली के इस्तीफे की मांग की है, जबकि वित्त मंत्री ने आरोपों को फिजूल और बेबुनियाद ठहराया है.
बुधवार दिन में जहां ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की चिट्ठी को लेकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की सरकार को निशाना बनाया, वहीं शाम ढलते-ढलते AAP और कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा राजनीतिक हमला कर दिया. दोनों दलों ने कहा कि जेटली डीडीसीए घोटाले में लिप्त हैं.
'जेटली ने क्रिकेट को कीचड़ बना दिया'
कांग्रेस ने जहां डीडीसीए की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की, वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि जेटली ने क्रिकेट को कीचड़ बना दिया और उनकी सपंत्ति साल में सैकड़ों करोड़ रुपये बढ़ गई. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पांच अगस्त 2014 का एक पत्र मीडिया को दिखाया, जिसमें डीडीसीए घोटाले की जांच की मांग की गई थी. दूसरी ओर, बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने 'आप' के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केजरीवाल के आरोप सही भी साबित हो सकते है.
'बेबुनियाद आरोपों पर जवाब नहीं देता'
इन सब के बीच अपने ऊपर लग रहे आरोपों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं आधारहीन आरोपों का जवाब नहीं दे सकता. यदि विपक्ष के पास कोई निश्चित मुद्दा है और वह उस पर सवाल करेंगे तो मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं.' उन्होंने कहा कि जिस राज्य सरकार और पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हों, उनके तथ्यहीन आरोपों पर जवाब देने का औचित्य ही नहीं है.
करवाया गया करोड़ों का अवैध निर्माण
'आप' नेता संजय सिंह ने कहा है कि गृह मंत्रालय ने ही खेल मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर डीडीसीए मामले की जांच करने को कहा था. इस पत्र के आलोक में फिर जांच के आदेश का पत्र भी 'आप' नेता संजय सिंह और आशुतोष ने दिखाया. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि डीडीसीए के तहत करोड़ों रुपये के अवैध व फिजलू निर्माण कराया.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने अरुण जेटली पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेटली जब डीडीसीए के अध्यक्ष थे. उस दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले हुए. संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने DDCA में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में खुद सवाल उठाए थे. घोटाले के मामले को छिपाने के लिए केन्द्र सरकार सीबीआई का डंडा चला रही है.
गुरुवार को देंगे पूरी जानकारी
'आप' प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी गुरुवार को विस्तार से रखी जाएगी. लोग जान जाएंगे कि किस तरह से अरुण जेटली संसद में झूठ बोल रहे हैं और कैसे उन्होंने क्रिकेट को कीचड़ बना दिया. वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए संजय सिंह ने कहा कि जब तक जेटली अपने पद पर बने रहेंगे, इस मामले की जांच निष्पक्षता से नहीं होगी.
सिंह ने कहा, 'जब हमारे सांसद भगवंत मान विरोध के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, तब प्रधानमंत्री उन्हें पानी पिलाने की औपचारिकता निभा रहे थे. मैं कहना चाहता हूं कि किसानों के खेतों में पानी पहुंचाइए.'
सीबीआई ने खारिज किए आरोप
उधर, सीबीआई ने केजरीवाल सरकार और 'आप' के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कहा, 'कुछ समूहों के द्वारा मंगलवार से लगातार झूठी सूचनाएं सीबीआई के बारे में प्रचारित की जा रही है.' सीबीआई के प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि सीबीआई ने छापेमारी के दौरान किसी व्यक्ति के कामकाज को बाधा नहीं पहुंचाई.
'नहीं ली गई सीएम दफ्तर की तलाशी'
देवप्रीत ने बताया कि छापेमारी के दौरान सीएम दफ्तर की न तो तलाशी की गई और न ही किसी दस्तावेज को छुआ ही गया. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने निष्पक्ष तौर पर जांच की है और वह पूरी तरह स्वतंत्र है. एजेंसी सचिवालय पर डाली गए छापे से जब्त दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करेगी.
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग
इससे पहले अरुण जेटली और केंद्र सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने दिन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की थी. पार्टी ने कहा था कि इस मुद्दे पर संसद को ‘गुमराह' किया गया है. पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि मंगलवार को सीबीआई के छापे में बरामद की गई चीजों से साबित होता है कि छापा मुख्यमंत्री कार्यालय पर मारा गया था.
आशुतोष ने कहा, 'जेटली ने सदन में झूठ बोला और संसद को गुमराह किया, जिसके कारण उनके और सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए जाने की जरूरत है.' उन्होंने आगे कहा, 'सीबीआई का जब्ती ज्ञापन सार्वजनिक हो चुका है. इसमें यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापेमारी की गई, फाइलों की तलाश ली गई.' जेटली पर निशाना साधते हुए आशुतोष ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री को डीडीसीए में कथित अनियमितताओं के आरोपों का सामना करना चाहिए.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई के खिलाफ ताजा आरोप लगाते हुए कहा कि एजेंसी ने उनके प्रधान सचिव के खिलाफ होने वाली जांच से ‘असंबद्ध' दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं. उन्होंने दावा किया कि डीडीसीए से जुड़ी एक फाइल की भी जांच की गई है.