दिल्ली में एमसीडी चुनाव में हार के बाद मचा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा. दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं तो पंजाब यूनिट में भी कम घमासान नहीं मचा है. कपिल मिश्रा ने जहां केजरीवाल पर 2 करोड़ लेने का आरोप लगा वहीं टैंकर घोटाले में उपराज्यपाल, सीबीआई और एसीबी में शिकायत भी दर्ज करा दी. वहीं पंजाब यूनिट की कमान भगवंत मान को देने के बाद गुरप्रीत घुग्गी ने इस्तीफा दे दिया और कई अन्य नेता भी बगावत पर उतर गए हैं. तो क्या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार के स्वप्न को विराम लग गया है?
जानें बाकी राज्यों में क्या है हालात
इसी साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में मचे इस घमासान का सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को हो सकता है. अपने ही नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद केजरीवाल बैकफुट पर हैं. बीजेपी ने हमले तेज कर दिए हैं. जानते हैं किन राज्यों में आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है.
दिल्ली में जमीन खिसकने का डर
दिल्ली में हालांकि, अभी विधानसभा चुनाव होने में तीन साल बचे हैं लेकिन हाल में एमसीडी चुनाव में करारी हार और राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी उत्साहित है. संसदीय सचिव वाले मामले में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों का मामला चुनाव आयोग के सामने है और विरोध में फैसला आने के बाद पार्टी का समीकरण गड़बड़ा सकता है.
गुजरात में चुनावी संभावनाओं पर फिरा पानी
पीएम मोदी और अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में इसी साल विधानसभा चुना होने हैं. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पिछले दो साल से गुजरात में चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं. खासकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केजरीवाल बीजेपी को घेरते नजर आते थे. लेकिन अब खुद पर कैश लेने के आरोपों के बाद गुजरात में पार्टी की संभावनाओं को बड़ा झटका लग सकता है. इसके अलावा गुजरात में आम आदमी पार्टी को एक उम्मीद पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल से भी थी लेकिन हार्दिक अब शिवसेना के साथ हैं. ये आम आदमी पार्टी के लिए राज्य में डबल झटका है.
पंजाब में फेरबदल की जल्दी क्यों?
पंजाब में भले ही बीजेपी की सहयोगी अकाली दल चुनाव हार गई हो लेकिन बीजेपी को अपने लिए अगर राज्य में भविष्य में जगह बनानी है तो आम आदमी पार्टी में मचे घमासान से उसे फायदा हो सकता है. कांग्रेस अब राज्य की सत्ता में है और आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर विपक्ष में खड़ी है लेकिन आम आदमी पार्टी में मचे घमासान में पंजाब AAP यूनिट भी बंटी हुई नजर आ रही है. घुग्गी से कमान लेकर अब भगवंत मान को दे दिया गया है. घुग्गी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया तो कई अन्य नेता भी पार्टी से दूर हो गए. इससे पहले घुग्गी के नेतृत्व में 20 विधायकों ने कुमार विश्वास के पक्ष में चिट्ठी लिखी थी. पंजाब वह राज्य हैं जहां दिल्ली के बाद पार्टी जीतने में कामयाब रही थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने केवल पंजाब से ही 4 सीटें जीती थीं.
राजस्थान में कितनी संभावनाएं?
हाल में आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास जब पार्टी में नाराज चल रहे थे तो उन्हें राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है. गुजरात के बाद बीजेपी के लिए आने वाले वक्त में राजस्थान का विधानसभा चुनाव सबसे अहम है. अब AAP में मचे कलह से बीजेपी के लिए चुनौतियां भी कम होंगी. आम आदमी पार्टी के लिए आरोप-प्रत्यारोपों के बीच जगह बनाना अब काफी मुश्किल होगा.
महाराष्ट्र यूनिट का हाल भी कम अव्यवस्थित नहीं