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केजरीवाल के घर पर मारपीट: मौके पर मौजूद पूर्व विधायक ने बताई घटना

मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव और विधायकों के साथ मारपीट की घटना राजनीतिक सुर्खियां बनी हुई है, लेकिन उस कमरे में मौजूद पूर्व विधायक संजीव झा पूरे प्रकरण पर क्या कहते हैं.

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पूर्व विधायक संजीव झा (फाइल फोटो)
पूर्व विधायक संजीव झा (फाइल फोटो)

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के बाद दिल्ली की राजनीति में जमकर हंगामा मचा हुआ है. आप के विधायक गिरफ्तार किए जा रहे हैं तो सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से केंद्र पर लगातार हमला किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है.

सोमवार की रात केजरीवाल के घर पर हुए हंगामे के दौरान वहां मौजूद रहे पूर्व विधायक संजीव झा ने पूरी घटना के बारे में अपनी नजर से जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'राशन के मसले पर चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन बातचीत सुनने की बजाए चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि वह आपके लिए जिम्मेदार नही हैं. इसके बाद गरमागरम बहस शुरू हो हुई और वह एलजी का हवाला देकर चले गए.' उनके आने से पहले सभी विधायक आराम से बैठकर बात कर रहे थे. पहले से सभी विधायक कमरे में मौजूद थे.

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संजीव झा ने बताया कि यह बैठक ड्राइंग रूम में हुई थी, और वहां शायद सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा हुआ है. उनका दावा है कि दोनों पक्षों की ओर से बढ़ते विवाद को देखते विधायकों ने मुख्य सचिव के सामने हाथ भी जोड़ा.

आप पार्टी के पूर्व विधायक झा ने बताया कि मुख्य सचिव के गेट से अंदर आने और बाहर जाने में महज 5 मिनट का अंतर है. उनका कहना है कि विज्ञापन वाले मुद्दे पर बहस हुई और फिर महज 3 मिनट में इतना सब कुछ कैसे हो सकता है. उन्होंने बताया कि पार्टी के पूर्व विधायक नितिन त्यागी गेट तक उनसे माफी मांगने भी आए लेकिन मारपीट जैसा कुछ भी नहीं था.

उन्होंने कहा कि अगर मुख्य सचिव के साथ मारपीट की गई थी तो उन्हें उसी रात मेडिकल जांच कराना चाहिए था. उन्होंने कहा, 'मुख्य सचिव उसी रात मेडिकल कर सकते थे. मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि उनका मेडिकल कैसे कराया गया.'

पूर्व विधायक ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी के रहते समय ऐसी स्थिति नहीं आई थी. हम लोग कुट्टी साहब से भी बात करते थे. अगर वो काम करते तो लड़ाई क्यों होती. हम उनसे सेटिंग नही करते. मुख्य सचिव काम नही कर रहे हैं, ऐसे में अगर विधायक शिकायत करते हैं तो उन्हें सुनना चाहिए.

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मुख्य सचिव के साथ मारपीट के बाद हरकत में आई आईएएस एसोसिएशन ने जमकर विरोध किया और सरकार से माफी मांगने की बात कही. उन्होंने इस पर कहा कि आईएएस एसोसिएशन एक राजनीतिक मंच है. इसके पीछे बीजेपी की साजिश है और सरकार को रोकने की कोशिश कर रही है.

मारपीट के अगले दिन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की शिकायत के बाद पुलिस ने आप विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. उनकी ओर से किए गए शिकायत में लिखा गया, 'कल (19 फरवरी) को मुझे रात करीब 8.45 बजे मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन की तरफ से फोन किया गया और कहा गया कि मुख्यमंत्री आवास पर रात 12 बजे मीटिंग में आना है, जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री टीवी विज्ञापनों के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. मैंने कहा कि मीटिंग कल सुबह रख लीजिए, लेकिन वो नहीं माने.

दिल्ली के मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्हें बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने दोनों की दो दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन जज ने उसे कैंसिल कर दिया.

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