scorecardresearch
 

दिल्ली में टैंकर माफियाओं के सामने लाचार केजरीवाल सरकार

दक्षिणी दिल्ली के फतहपुर बेरी गांव के फॉर्म हाउस में अवैध तरीके से टैंकर माफिया ज़मीन से पानी निकाल रहे हैं. दिल्ली आजतक की पड़ताल के दौरान एक शख्स ने बताया कि यहां 1500 रुपये में छोटे टैंकर में पानी मिलता है. जबकि बड़ा टैंकर 1800 रुपये से 2200 रुपये में मिलता है. साथ ही ये टैंकर एयरोसिटी के होटल्स में भी पानी की सप्लाई करते है.

Advertisement
X
पानी टैंकर
पानी टैंकर

Advertisement

जल ही जीवन है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में जल को जीवन से निकालकर कारोबार बना लिया गया है. जब इस काले कारोबार का पर्दाफाश दिल्ली आजतक की टीम ने किया तो उसपर हमला किया गया. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद दिल्ली में ज़मीन से पानी निकाला जा रहा है और उसे अवैध तरीके से बेचा जा रहा है.

दक्षिणी दिल्ली के फतहपुर बेरी गांव के फॉर्म हाउस में अवैध तरीके से टैंकर माफिया ज़मीन से पानी निकाल रहे हैं. दिल्ली आजतक की पड़ताल के दौरान एक शख्स ने बताया कि यहां 1500 रुपये में छोटे टैंकर में पानी मिलता है. जबकि बड़ा टैंकर 1800 रुपये से 2200 रुपये में मिलता है. साथ ही ये टैंकर एयरोसिटी के होटल्स में भी पानी की सप्लाई करते है.

उसी शख्स ने बताया कि पुलिस की डर की वजह से टैंकर के जरिये रात में पानी की अवैध सप्लाई होती है. दरअसल बीते दिनों यानी 9 मई को केंद्रीय जल बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की गई थी. इसमें बताया गया था कि कैसे बोरवेल के ज़रिए अवैध तरीके से पानी निकाला जा रहा है. इसी की पड़ताल करने दिल्ली आजतक की टीम फतहपुर बेरी के इस गांव में गईं थी. मगर टैंकर माफियाओं को जब हमारी पड़ताल के बारे में पता चला तो उन्होंने दिल्ली आजतक के रिपोर्टर सुशांत मेहरा से मारपीट की. साथ ही उन्हें बंधक भी बना लिया.

Advertisement

बहरहाल, दिल्ली आजतक के रिपोर्टर से की गई मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुक है. मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दिल्ली जल बोर्ड पानी माफियाओं पर चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. लेकिन वसंतकुंज में यही जल बोर्ड बीते कई साल से गंदा पानी सप्लाई कर लोगों को बीमार जरूर कर रहा है.

जानकारों की मानें तो 70 के दशक में कनॉट प्लेस में बनी इमारतों ने दिल्ली में पानी की किल्लत को बढ़ाया. साल 2000 में मेट्रो के विस्तारिकरण की वजह से दिल्ली में पानी की ज्यादा मांग होने लगी और अब मौजूदा वक्त में प्रगति मैदान की जगह बन रहे कन्वेंशन सेंटर में भी पानी की मांग बढ़ रही है.

इतना ही नहीं दिल्ली में बारिश के पानी के संरक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार का लचर रवैया भी दिल्ली को सूखा बना रहा है. फिलहाल टैंकर माफियाओं की इस दादागिरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. लेकिन सवाल है कि खुद को कानून से ऊपर समझने वाले इन टैंकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कब होगी. कब दिल्ली की कोख से अवैध तरीके से पानी का निकलना बंद होगा.

Advertisement
Advertisement