कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पोस्टर लगाने के आरोप में आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने आरोपी दिलीप पांडे, राम कुमार झा और जावेद अहमद को साकेत कोर्ट में पेश किया था. जिसके बाद कोर्ट ने पांडे, राम और जावेद को 2 अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया.
इन तीनों पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पोस्टर लगाने का आरोप है. पुलिस ने कोर्ट में अपनी दलील में कहा कि आरोपियों के ई-मेल, फोन की जांच की गई जिसमें इन्हें दोषी पाया गया. मेट्रोपॉलिटन जज शीतल चौधरी ने कहा, कोर्ट में पेश सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि ये पोस्टर इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैला सकते थे. दिलीप पांडे के वकील ने अदालत में कहा कि पार्टी के वॉलिंटियर्स से गलती हो गई.
कोर्ट में पांडे के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि पांडे को राम झा और अहमद पोस्टर से संबंधित ई-मेल तो भेजते थे लेकिन ई-मेल का पांडे ने कभी कोई जवाब नहीं दिया. ऐसे में पांडे को गिरफ्तार किया जाना गलत है. कोर्ट ने दिलीप पांडे के वकील की दलील को नकार दिया. पांडे के वकील ओर से पांडे की जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई है.
गौरतलब है कि पांडे के अलावा पुलिस ने 'आप' के चार कार्यकर्ताओं राम कुमार झा, जावेद अहमद, अमानतुल्लाह खान और एक अन्य को हिरासत में लिया था. हालांकि पूछताछ के बाद अमानतुल्लाह खान और हिरासत में लिए दूसरे कार्यकर्ता को छोड़ दिया गया.
क्या था पोस्टर में ?
इस पोस्टर में 16 जुलाई को विधायक मतीन अहमद, आसिफ मोहम्मद खान और हसन अहमद के घर के सामने विरोध-प्रदर्शन की अपील की गई थी. हालांकि आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि, कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायक पैसा लेकर बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं और इसके खिलाफ वो पोस्टर थे. पोस्टर पर लिखा था 20-20 करोड़ रुपये लेकर बीजेपी का समर्थन दे रहे हैं ये विधायक. पुलिस को पोस्टर भड़काऊ और शांति भड़काने वाला लगा. AAP का इन पोस्टरों से कुछ लेना-देना नहीं है.