एक साल में दूसरी बार मेट्रो का किराया बढ़ाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी अब आंदोलन की तैयारी में है. आम आदमी पार्टी की दलील है कि 6 महीने पहले ही मेट्रो ने किराया बढ़ाया था. अब अचानक 6 महीने में घाटे का तर्क देकर किराया बढ़ाना ठीक नहीं है.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने किराया बढ़ाने का फैसला वापस नहीं लिया तो वो इसका पुरजोर विरोध करेंगे. बीजेपी का मानना है कि आम आदमी पार्टी महज लोगों की सहानुभूति हासिल करने के लिए ये विरोध कर रही है.
आप नेता गोपाल राय के मुताबिक मई में किराया बढ़ाने से मेट्रो में मुसाफिरों की संख्या घटी थी. ऐसे में घाटा पूरा करने के लिए किराया बढ़ाने का फॉर्मूला ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदेश दिया था कि डीएमआरसी से बात करके बढ़ोतरी को रोकने का उपाय निकाला जाय.
गोपाल राय ने कहा कि गुरुवार को मंगू सिंह को सचिवालय बुलाया गया था, सरकार का पक्ष उनके सामने रखा गया लेकिन उसके बाद भी ये चीज़ें सामने आ रही हैं कि किराया बढ़ाया जाएगा. मेट्रो की तरफ से कहा जा रहा है कि मेट्रो घाटे में चल रही है. इसलिए किराया बढ़ाना जरूरी है.
आम आदमी पार्टी के मेट्रो से कुछ सवाल हैं...
1. मई मे किराया बढ़ाया गया था फिर 6 महीने में मेट्रो ने ऐसा क्या किया है, जो दोबारा किराया बढ़ाया जा रहा है.
2. केन्द्र के साथ-साथ दिल्ली सरकार भी मेट्रो का संचालन करती है. किराया बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार से भी राय मागी गई थी. तब दिल्ली सरकार ने मना किया था. मेट्रो का किराया बढ़ने से दूसरे साधनों की तरफ जाना होगा. जिससे प्रदूषण की समस्या बढ़ सकती है. इसके लिए मेट्रो ने क्या किया.
3. जून 2016 मे लगभग 27 लाख राइडरशिप थी. किराया बढ़ाने के बाद राइडरशिप घटकर 25 लाख हो गई. फिर भी मेट्रो को नुकसान हो रहा है. इस बारे मे क्यों नहीं सोचा जा रहा है. दोबार किराया बढ़ाने से फिर राइडरशिप घटेगी.
AAP के विरोध को बीजेपी ने बताया नाटक
सोमवार को यानी 2 अक्टूबर को आम आदमी के विधायकों का एक प्रतिनिधि मंडल डीएमआरसी के पास जाएगा और इस बारे मे बातचीत करेगा तो वहीं बीजेपी ने इसे पूरा नाटक करार दिया है.
बीजेपी का कहना है दिल्ली मेट्रो में दिल्ली सरकारी की हिस्सेदारी 50 फीसदी है. वहीं मई में किराया बढ़ाने को लेकर समिति की बैठक हुई थी. उस समिति में दिल्ली सरकार का भी एक सदस्य होता है तो उस समय इसका पुरजोर विरोध क्यों नहीं किया. जबकि मई में ही समिति की बैठक के बाद ऐलान कर दिया गया था कि मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी होगी तो अब तक चुप क्यों थे और अचानक केजरीवाल सरकार और आप पार्टी को याद क्यों आया.