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मुख्य सचिव पर AAP सरकार ने लगाया CM केजरीवाल की फाइल लौटाने का आरोप

दिल्ली सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि रविवार को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की टिप्पणियों के लिए उनके आवास पर दिल्ली के बजट से जुड़ी फाइलें भेजी थी. लेकिन जब यह फाइलें भेजी गई तो उन्होंने लेने से मना कर दिया और कहा कि सोमवार को ऑफिस ऑवर में भेजे.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी सरकार ने मुख्य सचिव पर बजट से जुड़ी फाइलें लौटने का आरोप लगाया है. दिल्ली सरकार ने अधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि रविवार को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की टिप्पणियों के लिए उनके आवास पर दिल्ली के बजट से जुड़ी फाइलें भेजी थी. लेकिन जब यह फाइलें भेजी गई तो उन्होंने लेने से मना कर दिया और कहा कि सोमवार को ऑफिस ऑवर में भेजे.

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि यह अत्यंत चौंकाने वाला मामला है. बजट को कुछ दिन बचे हैं लेकिन मुख्य सचिव ने सालाना बजट भाषण की तैयारियों से जुड़ी ज़रूरी फाइलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इन फाइलों में मोहल्ला और पालीक्लीनिकों को लेकर चर्चा है, जहां सरकार ने स्वास्थ्य ‌को प्राथमिता दी है.

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बजट में कुछ नया करने का प्रयास

दिल्ली सरकार के मुताबिक, सरकार इस बार बजट में कुछ नया करने का प्रयास कर रही है. इस बार ‌सभी कार्यों की जानकारी समय के साथ दी जाएगी जिससे व्यवव्था को और अधिक जवाबदेह बनाया जा सके.  सरकार का दावा है कि मोहल्ला क्लिनिकों के निर्माण के दौरान संचालन, चिकित्सकों की भर्ती और क्लिनिक शुरू करने की तारीख सहित सारी जानकारी समय सीमा के साथ उल्लेखित की जाएगी और मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे लागू किया जाए.

क्या लिखा था फाइल में?

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को भेजी फाइल में लिखा कि 530 साइटों पर और 296 स्कूलों में मोहल्ला क्लीनिक बनाने के लिए अलग अलग विभागों से एनओसी मिलने के बाद भी इस दिशा में तेजी से काम ‌क्यों नहीं हुआ. अभी तक केवल 243 नए मोहल्ला क्लीनिक के निर्माण के लिए एक अनुमानित टारगेट तय किया गया है. इसके अलावा यहां डॉक्टरों की भर्ती सहित अन्य की जानकारी भी मांगी है.

बता दें कि मुख्य सचिव से मारपीट के आरोप से उठे विवाद के बाद पिछले कई हफ़्तों से मंत्री और अधिकारियों के बीच तनाव की स्थिति बरकरार है. 21 मार्च को दिल्ली विधानसभा में बजट पेश किया जाना है लेकिन एक के बाद एक लगाए जा रहे आरोप और अधिकारियों से खींचतान ने सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है.

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