पिछले साल के बजट के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बच्चों के मिड डे मील की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए रेगुलर खाने के साथ रोजाना फल और अंडे देने की घोषणा की थी. सरकार ने इसके लिए 55 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया था. लेकिन एक साल बाद भी दिल्ली के किसी भी सरकारी स्कूल में फल और अंडे बंटना शुरू नहीं हुआ.
दिल्ली के स्कूली बच्चे सरकार द्वारा किया हुआ वादा पूरा होने के इंतजार में हैं. बच्चों का कहना है कि उन्हें फल और अंडे खाने के लिए चाहिए.
वहीं, दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की सबसे बड़ी संस्था गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने वादा तो बहुत अच्छा किया था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है. सरकार जल्द से जल्द यह वादा पूरा करे, क्योंकि बच्चों के स्वास्थ्य में अभी और सुधार की जरूरत है.
गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय विजय वीर यादव कहते हैं कि हम सरकार से यह दरखास्त करते हैं कि जल्द से जल्द सरकार अपने इस वादे को पूरा करें, क्योंकि पूरा देश दिल्ली को देखता है.
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने भी इस मुद्दे को सरकार की वादा खिलाफी से जोड़ दिया है. दिल्ली बीजेपी ने कहा है कि सरकार को कम से कम बच्चों से तो झूठ नहीं बोलना चाहिए था. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर कहते हैं कि सरकार अब बच्चों को भी गुमराह करने में उतर आई है और बच्चों के खाने के साथ मजाक कर रही है. इससे ज्यादा सरकार और कितना नीचे जाएगी.