दिल्ली में बीजेपी, अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर पंजाबी शिक्षकों की भर्ती रोक लगा कर रखने का आरोप लगाया है.
सिरसा ने सोमवार को आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों में 686 पंजाबी शिक्षकों की नियुक्ति अधर में लटकी हुई है और ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार इन स्कूलों में जान-बूझकर पंजाबी विषय को ख़त्म करना चाहती है.
सिरसा ने बताया कि उन्होंने ये मुद्दा दिल्ली विधानसभा में भी उठाया है. केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पंजाबी शिक्षकों के 686 पदों पर भर्ती जल्द की जाएगी.
सिरसा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने अपने इस ऐलान को पंजाब विधानसभा चुनाव में भुनाने की कोशिश भी की और इसलिए दिल्ली से बाहर पंजाब के अखबारों में इसका विज्ञापन भी दिया था ताकि पंजाबी वोटों को अपनी ओर खींचा जा सके, लेकिन पंजाब चुनाव में मिली करारी हार के बाद दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों से किए वादे को भूल गए और यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पंजाबी शिक्षकों के 686 पदों को अब तक भरा नहीं गया है.
उन्होंने कहा कि यदि लम्बे वक़्त तक स्कूलों में पंजाबी पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं होंगे तो पंजाबी छात्र अपनी मातृभाषा से मुंह मोड़ कर दूसरी भाषा की तरफ जाना शुरू हो जाएंगे. सिरसा ने पंजाबी शिक्षकों के अलावा दिल्ली सरकार के तहत आने वाली पंजाबी अकादमी की तरफ से दिए जाने वाले 2013 और 2014 के पुरस्कारों की राशि न दिए जाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पुराने पुरस्कारों की राशि न देने के अलावा 2015, 2016 और 2017 के लिए तो पुरस्कारों का ऐलान ही नहीं किया गया.