आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में 12 विधानसभा क्षेत्रों में रविवार से बजट पर आम जनता के साथ विचार-विमर्श शुरू करेगी. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज से बजट पर चर्चा शुरू करेंगे.
इसका मकसद दिल्ली के बजट पर आम जनता के सुझाव जानना है. जून में दिल्ली का बजट पेश होना है.
पहली बार दिल्ली अपना बजट खुद बनाने जा रही है. केजरीवाल सरकार दिल्ली की विधानसभाओं में क्षेत्र के लोगों की जरूरतों के आधार पर बजट बनाने की शुरुआत करने जा रही है, जिसमें हर विधानसभा में वहां के वोटरों के साथ बजट पर चर्चा की जाएगी.
सबसे पहले इन विधानसभाओं में होगी शुरुआत
फिलहाल दिल्ली की 70 में से 11 विधानसभाओं में इसकी शुरुआत होगी. हर विधानसभा के लिए 20 करोड़ का फंड रहेगा. जिन 11 विधानसभाओं को चिन्हित किया गया है उनमें पटपड़गंज, शाहदरा, शालीमार बाग, द्वारका, ओखला, तिलक नगर, करावल नगर, छतरपुर, किराड़ी, सदर बाजार और बवाना हैं.
बैठकों के ज़रिए विधानसभा के लोगों से ही पूछा जाएगा कि उन्हें अपने इलाके में सबसे पहले क्या सुविधा चाहिए और उसी के आधार पर प्रोजेक्ट तय किए जाएंगे. इसके बाद वरीयता के आधार पर इलाके के लोग प्रोजेक्ट को वोट करेंगे जिसके बाद प्रोजेक्ट की लागत का ऐस्टिमेट अगले एक हफ्ते में तैयार कर लिया जाएगा.
हर विधानसभा में विकास कार्यों का जायज़ा खुद दिल्ली सरकार के अलग-अलग उपायुक्त लेंगे. 11 विधानसभाओं में इसको जून से पहले पूरा कर लिया जाएगा ताकि दिल्ली के 2015-16 के बजट में इसे शामिल किया जा सके.
जानिए, कैसी रहेगी ये पूरी प्रक्रिया:
- सबसे पहले कोई मशहूर हस्ती या सोशल एक्टिविस्ट विधानसभा में मीटिंग को संबोधित करेंगे.
- इस दौरान इलाके की समस्याओं, लोगों की मांगे और विकास कार्यों के लिए सुझाव मांगे जाएंगे.
- इलाके के लोगों की मांगों के अनुरूप अधिकारी प्रोजेक्ट की सूची बनाएंगे.
- इसके बाद वोटिंग कराई जाएगी.
- वोटिंग के आधार पर प्रोजेक्ट की वरीयता तय की जाएगी और फंड अलौकेट होगा.
- सभी मीटिंग और वोटिंग की रिकॉर्डिंग भी होगी.
दुनिया के कई देश आजमा रहे हैं ये प्लान
दिल्ली में भले ही पहली बार बजट पर लोगों की राय ली जा रही है लेकिन दुनिया के कई शहर ऐसे हैं जहां सालों से लोगों की ज़रूरत के हिसाब से बजट तैयार किए जा रहे हैं. इसकी शुरुआत सबसे पहले ब्राज़ील के पोर्टो अलैग्री शहर में 1989 में हुई थी.
दुनिया के खूबसूरत शहरों में शुमार पैरिस के बजट का 5 फीसदी हिस्सा यानि लगभग 426 मिलियन यूरो की रकम लोगों के पूछ कर ही खर्च की जाती है.
अमेरिका में शिकागो पहला शहर है जहां साल 2009 में पार्टिसिपेटरी बजट बनाने की शुरुआत हुई थी. न्यूयॉर्क शहर के लोग भी 25 मीलियन डॉलर की रकम अपनी पसंद के आधार पर खर्च करते हैं. ये अमेरिका में सबसे बड़ा पार्टिसिपेटरी बजट होता है.
इन क्षेत्रों में खर्च होता है सबसे ज्यादा पैसा
अर्जेंटीना के शहर रोसेरियो में भी 2002 से 320 मीलियन डॉलर की रकम लगभग 1200 ऐसे प्रोजेक्ट पर खर्च की जा चुकी है जिन्हें जनता से खुद अपनी पसंद से वरीयता दी थी. इनमें से ज़्यादातर प्रोजेक्ट महिलाओं, बच्चों, सुरक्षा से ज़ुड़े मुद्दों, खेलों और रिक्रिएशन के साथ स्वास्थ्य से जुड़ हुए हैं.
लोगों की पसंद के आधार पर बजट बनाने का फार्मुला दूसरे देशों में तो सुपरहिट है लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि आखिर लालफीताशाही में फंसे हमारे सिस्टम में यह फार्मुला कितना सफल हो पाता है.