दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल सरकार को झटका लगा है. उपराज्यपाल के आदेश पर एसीबी में चीफ बनकर आए मुकेश मीणा अपने पद पर बने रहेंगे. कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भेजकर इस मसले पर जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी.
हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखा
दिल्ली में एंटी करप्शन ब्रांच के मुखिया मुकेश कुमार मीणा की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार ने अपना पक्ष रखा है. राज्य सरकार की वकील इंदिरा जयसिंह ने पैरवी करते हुए कहा कि एडिशनल कमिश्नर एसएस यादव ही एसीबी के चीफ हैं और मीणा को काम करने से रोका जाए.
दिल्ली सरकार की दलील है कि ज्वॉइंट कमिश्नर की कोई पोस्ट एसीबी में नहीं है, जिस पर मुकेश मीणा को रखा गया है. इसके साथ ही मीणा को रखते वक्त उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की राय नहीं ली, जो हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है. अपने आदेश में हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार से राय लेने के लिए कहा था.
मीणा ने अवैध तरीके से मांगी FIR बुक
दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए इंदिरा जय सिंह ने कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट के अधीन आता है. इस पर पोस्टिंग करने का अधिकार दिल्ली सरकार का है.
उन्होंने कहा कि मुकेश मीणा ने अवैध तरीके से यादव से एफआईआर बुक मांगी. इसके साथ ही यादव को लगातार धमकियां मिल रही है.