उरी हमले के बाद देश में पाकिस्तान का विरोध होने के साथ-साथ चीनी सामानों के खिलाफ भी मुहिम तेज हो गयी है. दीवाली से ठीक पहले देश की राजधानी में कई राजनैतिक दल चाइनीज उत्पादों की एंट्री पर रोक लगाने की बात कर रहे हैं और इस बहती गंगा में फिलहाल आम आदमी पार्टी ने भी हाथ धो लिया है.
'चीनी भगाओ, स्वदेशी अपनाओ'
दीवाली नजदीक आते ही बाजार में चीनी माल की धूम रहती है, अब वो चाहे कपड़े हों या इलेक्ट्रॉनिक सामान. फिलहाल आम आदमी पार्टी का ट्रेड विंग चीनी उत्पादों के खिलाफ खुलकर विरोध में आ गया है, रविवार को ट्रेड विंग ने चीनों उत्पादों की बिक्री के प्रमुख बाजार करोल बाग में एक विशाल जागरुकता अभियान चलाते हुए चीनी उत्पादों की होली जलाई और पूरे बाजार में एक पदयात्रा निकालकर व्यापारियों व ग्राहकों को इस मुहिम में साथ देने के लिए जागरुक करते हुए 'चीनी भगाओ, स्वदेशी अपनाओ' के पैम्पलेट भी बांटे.
PAK की तरह चीन भी हमारा दुश्मन
AAP ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने बताया, 'भारत हर साल चीन से 61 अरब डॉलर का सामान आयात करता है, जबकि भारत मात्र 9 अरब डॉलर का सामान चीन को निर्यात करता है, जिसके चलते भारत इस समय चीन का सबसे बड़ा बाजार है. लेकिन जिस तरह से चीन आतंक को पनाह दे रहे पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन कर रहा है. ऐसे में चीन भी हमारा पाकिस्तान के बराबर शत्रु है, इसलिए चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना जरूरी है.'
दिल्ली के प्रमुख बाजारों में अभियान की तैयारी
AAP ट्रेड विंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि केंद्र सरकार चीनी उत्पादों को लेकर एक ठोस नीति बनाए, जिससे कि चीनी उत्पादों का आयात कम से कम हो और स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए भारत के लघु व मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाए. जिससे हमारे देश का उत्पादन बढ़े और चीनी वस्तुओं पर निर्भरता खत्म हो. आम आदमी पार्टी चीनी उत्पादों के खिलाफ अभियान दिल्ली के प्रमुख बाजारों चांदनी चौक, सदर बाजार, कमला नगर, चावड़ी बाजार, नेहरू प्लेस में भी चलाने की तैयारी कर रही है.
अपने आदेश की उड़ाई धज्जियां
आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग चीनी उत्पादों को जलाने के बीच इस बात को भूल गई कि दिल्ली में खुले में आग लगाना मना है. इसके बावजूद भीड़ वाले बाजार में प्लास्टिक और मोबाइल जलाकर खुद की सरकार के आदेश की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. ऐसे में सवाल उठता है कि जहां देश की राजधानी प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से जूझ रही है, वहां क्या विरोध के नाम पर खुले में आग लगाना सही कदम है.