दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा केजरीवाल सरकार के मंत्रियों के 9 सलाहकारों की नियुक्ति रद्द किए जाने के बीच आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने दिल्ली डायलॉग कमीशन के वाइस चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है.
अपने इस्तीफे में आशीष खेतान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद किया है. आशीष का कहना है कि केजरीवाल ने उनको ये बड़ी जिम्मेदारी दी थी, जिससे उन्होंने ईमानदारी से निभाने की कोशिश की. इस कार्यक्रम के दौरान उनको दिल्ली की जनता से जुड़ने का मौका मिला.
पत्रकार से नेता बने खेतान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विश्वास पात्र माना जाता है, उन्हें तीन साल पहले आप सरकार की सलाहाकर इकाई डीडीसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. केजरीवाल डीडीसी के अध्यक्ष हैं.
खेतान ने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने डीडीसी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जो 16 अप्रैल से प्रभावी है. पिछले तीन वर्षों में मुझे सार्वजनिक नीति को आकार देने एवं शासन में सुधार तथा परिवर्तन लाने के लिए कई अनोखे अवसर मिलें, मुझे यह अवसर देने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रगुजार हूं.'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'मैं कानूनी पेशे से जुड़ रहा हूं और दिल्ली बार में पंजीकरण करा रहा हूं जिसकी वजह से डीडीसी से इस्तीफा देना आवश्यक है. बार काउंसिल के नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति वकालत करते समय निजी या सरकारी नौकरी नहीं कर सकता.'
I am joining the legal profession and enrolling with the Bar at Delhi, which actually necessitated my resignation from the DDC. Bar Council Rules prohibit practicing advocates from any kind of private or government employment.
— Ashish Khetan (@AashishKhetan) April 18, 2018
दरअसल आम आदमी पार्टी ने साल 2014 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए दिल्ली डायलॉग नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया था. AAP का ये कार्यक्रम एक तरह सफल रहा था और लोगों का भरपूर समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव के बाद भी AAP ने इस कार्यक्रम को जारी रखा और इसका नाम 'दिल्ली डायलॉग कमीशन ' कर दिया गया. उस वक्त आशीष खेतान को इसका वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया था.
इस बीच दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ गई है, क्योंकि बीते मंगलवार को गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार में नियुक्त 9 सलाहकारों को हटा दिया. उपराज्यपाल का कहना था कि इन सभी को गलत तरीके से नियुक्त किया गया था. नियुक्तियों के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं ली गई. इस फैसले का AAP नेताओं ने विरोध करना भी शुरू कर दिया है.