पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में बिजली एंव सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और आम आदमी पार्टी ने मंत्री गुरजीत सिंह के तुरंत इस्तीफे की मांग की है. आम आदमी पार्टी प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि ये वही कांग्रेस पार्टी है जो चुनाव से पहले अकाली दल के खनन माफिया, केबल माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया को जेल भेजने की बात करती थी लेकिन अब खुद सरकार में आकर पहली तिमाही से ही भ्रष्टाचार करने में जुट गई है. पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने अपने नौकर और अपने निजी कर्मचारियों के नाम पर बालू रेत के टेंडर अलॉट कराए हैं जो सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला बनता है. जब आम आदमी पार्टी के पंजाब के विधायकों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किया तो आप के सभी विधायकों को विधानसभा के गेट से ही गिरफ्तार कर लिया गया.
आशुतोष ने कहा, "पंजाब में कांग्रेस को सरकार में आए अभी जुम्मा-जुम्मा 3 महीने भी नहीं हुए हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार करना शुरू भी कर दिया है. ये वही कांग्रेस पार्टी है जो चुनाव से पहले अकाली दल के माफियाओं को जेल भेजने की बात करती थी लेकिन आज उन्हें जेल भेजना तो दूर की बात है बल्कि खुद माफियाओं से हाथ मिलाकर भ्रष्टाचार करने में जुट गई है."
उन्होंने कहा, "पंजाब में बालू रेत के खनन के चार टेंडर हुए हैं और जिनको ये टेंडर मिले हैं वो नाम सारी कहानी खुद बयां कर देंगे. एक टेंडर अमित बहादुर नामक शख्स को मिला है जो पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह के यहां खाना पकाने वाला नौकर है और जिसकी तनख्वाह मात्र 11 हजार रुपए है और इनके खाते में 5 हजार रुपए से ज्यादा का हिसाब नहीं है. इस टेंडर के लिए 11 हजार प्रति महीना कमाने वाले अमित बहादुर ने 26.51 करोड़ रुपए भरे हैं. अमित बहादुर भारत के नागरिक भी नहीं है, अमित मूल रूप से नेपाल के नागरिक हैं."
आशुतोष ने आगे कहा, "इसके अलावा तीन लोगों को और एक-एक टेंडर मिले हैं जिनके नाम हैं कुलविंदर पाल, बलराज सिंह और तीसरे हैं गुरविंदर सिंह. ये तीनों भी पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह की कंपनी में उनके निजी कर्मचारी हैं जिनकी तनख्वाह 20 से 25 हजार रुपए से ज्यादा नहीं है. इन चारों टेंडर की मिलाकर कुल कीमत 48 करोड़ से ज्यादा है."
आशुतोष ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कैप्टन सरकार में ऊपरी नेताओं की सहमति के बगैर यह कतई संभव नहीं है कि 11 हजार से 25 हजार कमाने वाले मंत्री के नौकर और कर्मचारी 48 करोड़ के टेंडर सरकार से हासिल कर ले.