आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ सदस्यों में से एक राकेश सिन्हा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है. राकेश सिन्हा ने तीन दिन पहले पार्टी के लोकपाल एडमिरल रामदास को हटाए जाने पर सवाल उठाए थे. एडमिरल रामदास ने AAP से पूछा सवाल
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, तीन दिन पहले ही पार्टी ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला ले लिया था. लेकिन राकेश सिन्हा को इसकी सूचना बीती रात ही दी गई. राकेश सिन्हा ने बताया, 'मुझे बीती रात ईमेल पर सस्पेंड किए जाने की सूचना मिली. ईमेल में लिखा था कि अनुशासनात्मक समिति को मेरे खिलाफ शिकायत मिली है और मामले की जांच पूरी होने तक मुझे सस्पेंड कर दिया गया है.'
राकेश सिन्हा ने एडमिरल रामदास के साथ हुए व्यवहार पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने यह भी कहा था, 'जिस तरह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संचालित किया गया, पार्टी के कुछ अहम लोगों पर निराधार आरोप लगाया गया और इस्तीफे का दबाव बनाकर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. इससे यही लगता है कि किसी भी तरह के विरोध और असहमति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह हमारी संस्कृति के अनुकूल नहीं है.' AAP मुख्य प्रवक्ता पद से योगेंद्र की छुट्टी
गौरतलब है कि AAP ने अपने नेताओं को इस मुद्दे पर बयानबाजी करने से सख्त मना किया था. इसके बावजूद राकेश सिन्हा ने पार्टी की सार्वजनिक रूप से आलोचना की, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड करने का फैसला लिया गया.
वाराणसी से ताल्लुक रखने वाले प्रोफेसर राकेश सिन्हा AAP की नेशनल एग्जीक्यूटिव में रहे हैं. सिन्हा आईआईटी और बीएचयू में अध्यापन कर चुके हैं. उन्होंने 'समता' नाम के संगठन की स्थापना की थी. वह उन लोगों में से थे जिन्होंने नेशनल एग्जीक्यूटिव की बैठक में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी से हटाने के खिलाफ वोट किया था.
राकेश सिन्हा के अलावा रोहिलखंड (यूपी) के जोनल कनवेनर विशाल शर्मा को भी पार्टी ने सस्पेंड कर दिया है.