आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में मोदी सरकार के 100% एफडीआई लागू करने के फैसले का विरोध किया है. 'आप' विधायक सोमनाथ भारती ने रिटेल में एफडीआई के खिलाफ प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने पास कर दिया. प्रस्ताव में कहा गया है कि एफडीआई के आने से छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा.
सोमनाथ भारती ने सदन में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि "रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई लागू करने का फैसला पीएम नरेंद्र मोदी के पुराने बयानों से यू-टर्न है. देश का व्यापारी अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है. नोटबंदी, सीलिंग, GST के बाद एफडीआई ने व्यापारियों को तोड़ के रख दिया है और मेक इन इंडिया फिलहाल फेक इन इंडिया बन के रह गया है."
सदन में चर्चा के दौरान मंत्री गोपाल राय ने एफडीआई को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. गोपाल राय ने कहा कि "दुनिया की बड़ी ताकत विश्व मे आर्थिक जाल फैलाकर कई देशों को गुलाम बनाने की तैयारी कर रहे हैं. देश आर्थिक गुलामी की तरफ बढ़ रहा है और इससे निपटने के लिए गद्दारों के खिलाफ लड़ना होगा. हैरानी यह है कि जिन व्यापारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को शिखर पर पहुंचाया उन्हें नोटबंदी और एफडीआई जैसे फैसलों से बर्बाद किया जा रहा है."
सत्येंद्र जैन ने एफडीआई के नुकसान को अनोखे अंदाज़ में समझाया. उन्होंने कहा कि "बीजेपी वाले जनता को मूर्ख समझते हैं. बीजेपी के मुताबिक एफडीआई रिटेल का छोटे व्यापारियों से कोई लेना देना नही है. लेकिन अमेरिका की तरफ ध्यान दिया जाए तो वहां हर गली में छोटे छोटे किराने की दुकान होती थी, जहां अब मॉल आ गए हैं. देशभर में 1 करोड़ छोटी छोटी दुकानें हैं और एफडीआई के आने से छोटे व्यापारियों का व्यापार छिन जाएगा."
दिल्ली विधानसभा में 'आप' विधायक अलका लांबा ने बीजेपी की केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि "2012 में BJP का मानना था कि FDI विदेशों में रखे काले धन को FDI के माध्यम से सफ़ेद कर देश में लाने का एक बहाना भर है, क्या यह बात आज भी लागू होती है? यह फिर BJP इस पर भी यू टर्न करने के मूड में है? FDI के विरोध में अरुण जेटली जी ने कहा था कि वह अपनी अंतिम सांस तक इसे लागू नहीं होने देंगें. अब अरुण जेटली कब अपनी कथनी को करनी में बदलने जा रहे हैं?"
आम आदमी पार्टी ने सदन में चर्चा के दौरान सवाल उठाए हैं कि FDI आने के बाद 'मेक इन इंडिया' देश मे कहां तक कामयाब होगा? विदेशी ब्रांड के सामने देसी ब्रांड कहां तक और कब तक टिक पायेगा? FDI का रोज़गार पर क्या असर होगा? पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार जवाब नहीं दे रही कि एफडीआई से कितने रोजगार पैदा होंगे या फ़िर कितने छोटे दुकानदार बर्बाद होकर बेरोजगार होने वाले हैं?