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अयोग्य ठहराने पर भड़के AAP नेताओं ने राष्ट्रपति को भी नहीं बख्शा!

चुनाव आयोग के बाद राष्ट्रपति द्वारा भी आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर पार्टी के विधायक और नेता बौखला गए हैं. पार्टी विधायक और संस्थापकों में से रहे सोमनाथ भारती और अयोग्य ठहराए गए विधायक अनिल वाजपेयी ने राष्ट्रपति के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं और उन्हें बीजेपी और आएसएस का आदमी कहा है.

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सोमनाथ भारती
सोमनाथ भारती

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चुनाव आयोग के बाद राष्ट्रपति द्वारा भी आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर पार्टी के विधायक और नेता बौखला गए हैं. पार्टी के नेताओं ने अब भारत के राष्ट्रपति पर भी सवाल उठा दिए हैं.

पार्टी विधायक और संस्थापकों में से रहे सोमनाथ भारती और अयोग्य ठहराए गए विधायक अनिल वाजपेयी ने राष्ट्रपति के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं और उन्हें पीएम मोदी, बीजेपी और आएसएस का एजेंट कहा है.

रविवार दोपहर को चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद रखने के मामले में अयोग्य ठहरा दिया. इसके बाद पार्टी विधायक सोमनाथ भारती ने ट्वीट किया, 'पता चला है कि राष्ट्रपति भवन ने देशहित में रविवार यानी छुट्टी के दिन 20 आप विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया है. उम्मीद है कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और 'मोदीफाइड राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त' के ऐसे सभी बर्बर और अलोकतांत्रिक फैसलों को पलट देंगे.'

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इसके बाद पूर्व आप विधायक अनिल वाजपेयी ने भी आजतक चैनल के कार्यक्रम 'दंगल' में राष्ट्रपति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा चुनाव आयोग पर पहले से हमने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति तो बीजेपी के एजेंट हैं. वैसे हम राष्ट्रपति पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन वह संघ के कार्यकर्ता रहे हैं और बीजेपी ने ही राष्ट्रपति को चुना है. हमारे विधायक राष्ट्रपति से समय मांगते रहे. लोकतंत्र में मिलने में क्या बुराई है, हमसे मिले बिना उन्होंने यह फैसला कर दिया.'

उन्होंने आगे कहा, 'जिस दिन से केजरीवाल के नेतृत्व में 67 विधायक चुनकर आए उसी दिन से अमित शाह और नरेंद्र मोदी हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, कभी सीबीआई रेड कभी दूसरी संस्थाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्डा ने इस मामले पर कहा है कि सोमनाथ भारती पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं, पर लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक है.

इससे पहले अनिल वाजपेयी ने कहा था कि वह पार्टी और अपने नेता के लिए जान देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था, 'प्रधानमंत्री पहले दिन से हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे. चुनाव आयोग ने हमारे साथ अन्याय किया है. झारखंड, हरियाणा और तेलंगाना में भी संसदीय सचिव हैं, उनका क्या हुआ? हम हमेशा से अरविंद जी के साथ हैं, हमारी पार्टी संघर्ष से बनी है. विधायकी क्या चीज है, हम केजरीवाल के लिए जान देने को भी तैयार हैं.'

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