दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी प्रस्तुति में देश की जनता से झूठ बोला है. उन्होंने अपने संबोधन में ये नहीं बताया कि देश की जीडीपी नीचे की तरफ क्यों जा रही है?'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि पीएम मोदी ने ये नहीं बताया कि आखिर क्या वजह है कि देश में रोज़गार पैदा होने कि बजाए लोगों की नौकरियां छूट रही हैं? देश में स्वास्थ्य और शिक्षा पर उनकी सरकार ने क्या काम किया है? इन सबके बारे में प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में जिक्र तक नहीं किया.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘आज की तारीख में सारा बाज़ार ठंडा पड़ा हुआ है, लोगों के काम-धंधे बंद हो रहे हैं. फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, प्रॉपर्टी बाज़ार धरातल पर पहुंच चुका है. रोज़गार पैदा होने की बजाए नौकरियां छूट रही हैं और बिजनेस बर्बाद हो गए हैं. खेती और किसान बेहद नाज़ुक दौर में पहुंच चुके हैं और ये बड़े शर्म की बात है कि इन सबके बावजूद भी पीएम मोदी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.
मनीष सिसोदिया बोले, प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जीडीपी विकास दर केवल एक तिमाही में ही घटी है. यह पूरे देश को पता है कि जीडीपी विकास दर पिछली 6 तिमाहियों से लगातार नीचे की तरफ गोता लगा रही है. जनवरी-मार्च 2016 में 9.1 फीसदी से, अप्रैल-जून 2017 में यह 5.7 फीसदी के निचले स्तर पर आ गई है. अगर वह कहते हैं कि यह मामूली गिरावट है तो प्रधानमंत्री जी झूठ बोल रहे हैं. निश्चित रूप से उन्हें पता है कि 1 प्रतिशत की जीडीपी विकास दर घटने का अर्थ - 1.5 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय आय का नुकसान और लाखों नौकरियों का नुकसान है.
सिसोदिया ने कहा कि उनके स्वयं की सरकार के श्रम ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि प्रतिवर्ष 1 करोड़ नौकरियों के वादे के खिलाफ, भाजपा सरकार ने 2014-15 में केवल 1.5 लाख नौकरियां और 2015-16 में 2.3 लाख नौकरियों का निर्माण किया. मार्च 2017 में ओईसीडी (35 विकसित देशों के एक संघ) द्वारा जारी किए गए एक बहुदेशीय सर्वेक्षण से पता चलता है कि 15-29 वर्ष की आयु के 30 फीसदी भारतीय युवा ना तो नौकरी ही कर रहे हैं और ना ही शिक्षा ही ले रहे हैं. उन्होंने कहा, यह बड़े शर्म की बात है कि यह चीन की तुलना में तीन गुना है.