दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में पद और गोपनीय की शपथ ली. लोग आम तौर पर शपथ लेने से पहले ईश्वर या अल्लाह के नाम की शपथ लेते हैं लेकिन केजरीवाल के एक मंत्री ने जब शहीदों के नाम की शपथ ली लोग चौंककर देखने लगे. गोपाल राय ने ईश्वर के नाम की शपथ न लेकर आजादी के लिए कुर्बान शहीदों के नाम शपथ ली.
गोपाल राय ने शपथ लेते हुए कहा, 'मैं गोपाल राय आजादी के शहीदों की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्ष्क्षुण रखूंगा. मैं मंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतरमन से निर्वहन करूंगा. मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष की भावना के बिना, सभी प्रकार के लोगों के लिए संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.'
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गोपनीयता की शपथ लेते हुए भी गोपाल राय ने कहा कि मैं गोपाल राय आजादी के शहीदों की शपथ लेता हूं कि जो विषय मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्यक्ति या व्यक्ति या व्यक्तियों के सिवाय जबकि मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के सम्यक ऐसा करना आपेक्षित है, मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा. गोपाल राय बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं. यह विधानसभा उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा अंतर्गत आता है.
कौन हैं गोपाल राय?
गोपाल राय दिल्ली की अरविंद केरीवाल सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री का पद संभाल चुके हैं. माना जा रहा है कि इस बार भी पुरानी ही जिम्मेदारी उन्हें मिल सकती है. गोपाल राय स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आते हैं. वह लंबे समय तक छात्र आंदोलनों से जुड़े रहे हैं. इसी दौरान उनकी दोस्ती अरविंद केजरीवाल से हुई, फिर वे दिल्ली सरकार में मंत्री भी बने.
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गोपाल राय वामपंथी छात्र संगठन आइसा में भी रह चुके हैं. छात्र आंदोलनों से जुड़ाव की वजह से एक बार उन पर बदमाशों ने हमला भी किया था. उन्हें इस हमले में गंभीर चोटें आई थीं. गोपाल राय जन लोकपाल आंदोलन से शुरू से ही जुड़े रहे हैं. जंतर मंतर पर गोपार राय कई बार अनशन कर चुके हैं.