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AAP विधायक की CM केजरीवाल से गुहार, दिल्ली में फिर शुरू हो ऑड-इवन रूल

AAP विधायक अलका लांबा ने प्रदूषण से परेशान होकर सीएम अरविंद केजरीवाल से ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने की अपील की है. वहीं केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की मानें तो पिछली बार की अपेक्षा प्रदूषण बहुत कम है.

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विधायक अलका लांबा
विधायक अलका लांबा

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देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच अब सत्ताधारी दल के विधायक भी जहरीली हवाओं का शिकार हो रहे हैं. आम आदमी पार्टी की चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने प्रदूषण से परेशान होकर सीएम अरविंद केजरीवाल से ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने की अपील की है. वहीं केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की मानें तो पिछली बार की अपेक्षा प्रदूषण बहुत कम है.

अलका लांबा की सीएम से गुहार

दिवाली की रात दिल्ली के कई इलाकों में जमकर आतिशबाजी हुई. शुक्रवार की सुबह हवा में जहरीली तत्वों की मात्रा इतनी ज्यादा बढ़ गयी कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया. 'आप' विधायक अलका लांबा ने परेशान होकर अपने ही सीएम अरविंद केजरीवाल से ट्विटर पर ऑड-इवन शुरू करने की गुहार लगाई है.

अलका ने ट्वीट किया - 'मैं दिल्ली की एक पीड़ित निवासी, दिल्ली के CM से निवेदन करती हूं की दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जल्द #Odd #Even की शुरुवात करें.'

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दिल्ली में प्रदूषण पर ये बोले केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि पिछली बार की अपेक्षा प्रदूषण बहुत कम है. हवा में उतना स्मॉग नहीं दिखाई दे रहा है. पिछली बार तीन दिनों तक लोगों को सांस लेने में दिक्कत रही थी. लेकिन इस बार स्थिति पहले की तुलना में ठीक है. सुबह थोड़ा स्मॉग दिखाई दे रहा था. हमारे मंत्रालय ने बहुत कोशिश की है ताकि प्रदूषण कम हो सके और लोगों को अच्छी हवा मिले. पटाखे पर पाबंदी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कोई टिप्पणी ना करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि भविष्य में प्रदूषण ना फैलाने वाले पटाखे बनने चाहिए, ताकि लोग दिवाली मना सकें और पटाखें भी जला सकें.

AAP ने लागू किया था ऑड-इवन फॉर्मूला

प्रदूषण से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली में अबतक दो बार ऑड-इवन फॉर्मूले को आजमा चुकी है. साल 2016 में एक जनवरी से 15 जनवरी के बीच इसका पहला चरण और 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दूसरा चरण लागू किया गया था. ऑड-इवन का मतलब है कि आपकी गाड़ी की नंबरप्लेट का आखिरी नंबर सम है या विषम. इस फॉर्मूले में दिल्ली की सड़कों पर एक दिन ऑड और उसके अगले दिन इवन नंबर की गाड़ियां चलाने का नियम होता है.

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क्या है ऑड-इवन फार्मूला?

गणित की भाषा में 1,3,5,7 और 9 को ऑड नंबर कहते हैं और 2,4,6,8, साथ ही इन अंकों व 0 से अंत होने वाली संख्या को इवेन नंबर कहा जाता है. अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट का आखिरी नंबर ऑड (1,3,5,7,9) है तो आप 1, 3, 5, 7, 9, 11,13,  15, 17, 19, 21, 23, 25, 27, 29 और 31 तारीख को ही गाड़ी चला सकते हैं. इसी तरह अगर आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर इवन (2,4,6,8,0) है तो आप महीने की 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30 तारीख को ही गाड़ी निकाल सकते हैं.

क्या है पर्यावरण विशेषज्ञों की राय?

दरअसल पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि ऑड-इवन फॉर्मूला लागू हो जाने से करीब 10 लाख प्राइवेट गाड़ियां सड़कों से गायब हो जाती हैं. इस फॉर्मूले से ना केवल ट्रैफिक समस्या में कमी आती है, बल्कि शहर में प्रदूषण का बढ़ता स्तर भी कम होने की उम्मीद होती है. आपको बता दें कि चीन की राजधानी बीजिंग में ऑड-इवन वाली ट्रैफिक व्यवस्था 2008 से ही लागू है. जब बीजिंग में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है तो ही इस नियम को लागू किया जाता है. चीन ने इस नियम को लागू करने के बाद बड़े पैमाने पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का विस्तार भी किया है.

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