राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच यहां की सियासत में जबर्दस्त उबाल पैदा हो गया है. इस सियासत की आंच में आम आदमी पार्टी की तेज तर्रार विधायक अलका लांबा आईं और पार्टी ने उनसे इस्तीफा ले लिया है. हालांकि अलका लांबा का कहना है कि इस्तीफे के बारे में अंतिम फैसला वह आज लेंगी. दरअसल, दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को प्रदान किया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव शुक्रवार को पारित किया गया, लेकिन आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस नेता के नाम के जिक्र से अपने आप को अलग कर लिया है. इस प्रस्ताव में 1984 के सिख विरोधी दंगे का हवाला दिया गया था. अब आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने एक वीडियो जारी बहस को नया मोड़ दे दिया है.
इससे पहले प्रस्ताव पर आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि जो मूल लेख सदन में पेश किया गया था, पूर्व प्रधानमंत्री के संबंध में पंक्तियां उसका हिस्सा नहीं थीं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक सदस्य (विधायक) का हस्तलिखित संशोधन प्रस्ताव था जिसे इस प्रकार से पारित नहीं किया जा सकता. हालांकि कहानी में ट्विस्ट तब आ गया जब आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने सदन की कार्यवाही का वीडियो फेसबुक पर पोस्ट कर दिया.
वीडियो में क्या है
कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि इस वीडियो में विधानसभा में आप विधायक जरनैल सिंह प्रस्ताव पढ़ रहे हैं. इसके बाद स्पीकर के आदेश के बाद सभी सदस्य खड़े होकर इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. कपिल मिश्रा ने कहा कि इस प्रस्ताव को अध्यक्ष सहित सभी ने खड़े होकर पास किया. कपिल मिश्रा ने लिखा, "ये सब ऑन रिकॉर्ड हैं, सदन की कार्यवाही का हिस्सा हैं, उसके बाद अलका लांबा ने पार्टी के अंदर इस प्रस्ताव का विरोध किया." अलका लांबा ने इस प्रस्ताव के पास होने की खबर सोशल मीडिया पर शेयर की थी. इसके बाद पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांग लिया.
कैसे हुआ दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी के खिलाफ प्रस्ताव पास
10 जनपथ से केजरीवाल को कैसे पड़ी डाँट
क्यों बनाया गया अलका लांबा को बली का बकरा
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— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 21, 2018
इस मसले पर जनरैल सिंह ने देर रात ट्वीट किया और लिखा दिल्ली विधानसभा में 1984 के दंगों को नरसंहार घोषित किया गया है. उन्होंने लिखा, " 1984 कत्लेआम के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम" 1984 कत्लेआम के पीड़ितों की भावनाओं को समझते हुए आज दिल्ली विधानसभा में 1984 क़त्लेआम को अब तक का सबसे "क्रूर नरसंहार" घोषित किया गया, पीड़ित परिवारों व हर इंसाफ पसंद आदमी की तरफ से दिल्ली विधानसभा के सभी सदस्यों का धन्यवाद."
"1984 कत्लेआम के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम"
1984 कत्लेआम के पीड़ितों की भावनाओं को समझते हुए आज @DelhiAssembly में 1984 क़त्लेआम को अब तक का सबसे "क्रूर नरसंहार" घोषित किया गया,
पीड़ित परिवारों व हर इंसाफपसंद आदमी की तरफ से दिल्ली विधानसभा के सभी सदस्यों का धन्यवाद..
— Jarnail Singh (@JarnailSinghAAP) December 21, 2018
बीजेपी विधायक विजेन्दर गुप्ता ने भी ट्वीट किया और कहा कि ये प्रस्ताव सदन से पारित हो चुका है. उन्होंने लिखा, "सतारूढ़ दल आम आदमी पार्टी द्वारा सदन मे प्रस्ताव कि 84 के सिख दंगों के मामले मे "राजीव गांधी का भारत रत्न वापिस लिया जाये" पारित हो चुका है तथा अब यह प्रस्ताव सदन की कार्यवाही का अंग बन चुका है." विजेन्दर गुप्ता आज इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाले हैं.
बीजेपी के ही विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आप द्वारा अलका लांबा पर कार्रवाई की खबर आते ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वे कांग्रेस के दबाव में कार्रवाई कर रहे हैं.