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चांदनी चौक में बीच बाजार धरने पर बैठ गईं AAP विधायक अलका लांबा

दिल्ली विधानसभा में चांदनी चौक की ही नुमाइंदगी करने वाली अलका गुरुवार को वाल्मीकि जयंती के मौके एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत के लिए पहुंचीं,

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अलका लांबा
अलका लांबा

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आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा को गुस्सा क्यों आता है?  इसकी एक झलक दिल्ली के ऐतिहासिक बाज़ार चांदनी चौक में देखने को मिली. दिल्ली विधानसभा में चांदनी चौक की ही नुमाइंदगी करने वाली अलका गुरुवार को वाल्मीकि जयंती के मौके एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत के लिए पहुंचीं, लेकिन वहां भारी जाम, अवैध पार्किंग, सड़कों पर हो रही लोडिंग-अनलोडिंग के कारण बीच रास्ते में ही फंस कर रह गईं. ये सब देख कर अलका नाराज हो गईं और वहीं लोड-अनलोड हो रहे सामान के ढेर पर धरना देकर बैठ गईं.

अलका करीब दो घंटे तक ऐसे ही बैठी रहीं. अलका के धरने की सूचना मिली तो दो थानों के एसएचओ मौके पर पहुंचे. दोनों एसएचओ ने अलका को आश्वासन दिया है कि चांदनी चौक की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे.

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अलका ने बाजार की बदतर हालत के लिए पुलिस और एमसीडी के भ्रष्ट आचरण को जिम्मेदार ठहराया. अलका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) तक बाजार को दुरुस्त करने का आदेश जारी कर चुके हैं लेकिन कोई ऐक्शन नहीं हो रहा. अलका का कहना था कि वे जब बाजार में आ रही थी तो चार ट्रैफिक पुलिस वाले वहां आराम से बैठे हुए थे, जब उन्होंने बाजार का ट्रैफिक सुधारने के लिए कहा तो वे कहने लगे कि उनकी ड्यूटी तो जुलूस के लिए है. बाजार के कारोबारियों ने भी विधायक से बाजार की हालत सही करने के लिए गुहार लगाई.

अलका धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत के लिए मेट्रो से चांदनी चौक स्टेशन उतरीं और पैदल ही टाउन हाल की ओर चल पड़ीं. बल्लीमारान के बाहर उन्होंने देखा कि वहां सड़क पर ही लोडिंग-अनलोडिंग की जा रही है. इसको देखकर उन्होंने ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस वालों को फोन किया लेकिन किसी ने भी नहीं उठाया.

इसने अलका का गुस्सा और बढ़ा दिया. वे वहीं सामान के गठ्ठर पर बैठ गई और एलान कर दिया कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे, वह बाजार से नहीं जाएंगी.

अलका के धरने पर बैठने की खबर बाजार के दुकानदारों को भी मिली तो वे भी वहां पहुंच गए. चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के प्रतिनिधि ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के अनुसार बाजार में न तो पार्किंग हो सकती है न दिन के वक्त लोडिंग-अनलोडिंग हो सकती है. न ही जरूरत से ज्यादा रिक्शा चल सकते हैं लेकिन पुलिस व एमसीडी अफसरों के भ्रष्टाचार के चलते वहां सब हो रहा है.

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